मध्य प्रदेश के इस खूबसूरत वादियों में खुलेगा दुनिया का पहला टाइगर ब्रिडिंग सेंटर, MP अब कहलाएगा White Tiger State

Madhya Pradesh White Tiger State: मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात मिली है. टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट, चीता स्टेट के बाद मध्य प्रदेश व्हाइट टाइगर स्टेट बनेगा, जो  दुनिया का पहला व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर होगा.

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Tiger Breeding Center open in Mp: मध्य प्रदेश को बड़ी सौगात मिली है. टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट, चीता स्टेट के बाद मध्य प्रदेश व्हाइट टाइगर स्टेट बनेगा, जो  दुनिया का पहला व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर होगा. इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिली है. व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर रीवा के गोविंदगढ़ में बनाया जाएगा. 

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा में प्रस्तावित व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर को केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी मिलने के बाद प्रदेशवासियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के विजन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना न केवल बाघों की संख्या को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगी. यह पहल बाघ संरक्षण और प्रकृति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करेगी.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार जैव विविधता के संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा और पर्यटन के विकास के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

गोविंदगढ़ में बनेगा व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर

रीवा के गोविंदगढ़ में उस समय के तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह ने, दुनिया के पहले सफेद शेर मोहन को पकड़ने के बाद उसे गोविंदगढ़ के किले में रखा था. उसी की याद को चिरस्थाई बनाने के लिए, लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था कि व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर गोविंदगढ़ में बनाया जाए. हालांकि अब रीवा में गोविंदगढ़ में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर बनाने की मंजूरी मिल गई है. 

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कैसे मिली व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की मंजूरी

महाराजा मार्तंड सिंह जू जिसे मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी जू भी कहते हैं. यहां व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति को तकनीकी समिति ने प्रस्ताव दिया था, जिसे स्वीकृति प्रदान की गई है. यह स्वीकृति 9 और 7 दिसंबर, 2024 को आयोजित विशेषज्ञ समिति की 114वीं बैठक और 19 दिसंबर, 2024 को तकनीकी समिति की 112वीं बैठक में दी गई.

यहां जानें  सफेद शेर का इतिहास

किसी जमाने में दुनिया को पहले सफेद शेर देने वाला रीवा बदलते वक्त के साथ सफेद शेरों के मामले में दुनिया के नक्शे से गायब हो गया था. यहां एक भी सफेद शेर नहीं थे. हालांकि फिर से यहां सफेद शेर को बसाने की मुहिम शुरू हो गई है. बता दें कि महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव ने व्हाइट टाइगर सफारी बनाकर रीवा में सफेद शेरों को बसाया था. दरअसल, रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह एक समय जोधपुर के राजा अजीत सिंह के साथ सीधी के पनखोरा के जंगलों में शिकार पर थे. इस दौरान उन्हें एक अद्भुत नजरा देखा. एक शेरनी अपने तीन बच्चों के साथ जंगल में घूम रही थी. शेरनी और दो शावक सामान्य थे, लेकिन तीसरा अद्भुत था. पूरी तरीके से सफेद, जिसे देख महाराज मार्तण्ड सिंह चकित रह गए.

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महाराज ने उसे पकड़ लिया और फिर गोविंदगढ़ के किले में ले आए. किले में आने के बाद शावक का नाम मोहन रखा गया. मोहन दुनिया का पहला सफेद शेर था. आज दुनिया में जितने भी सफेद शेर हैं सब मोहन के वंशज हैं. हालांकि मोहन 19 दिसंबर, 1969 को दुनिया को अलविदा कह दिया.

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