Terror Of Stray Dogs: भोपाल में आवारा कुत्तों का आतंक, हर दिन 55 मरीज पहुंच रहे अस्पताल, अब सरकार ने उठाया बड़ा कदम

MP Government form Committee for Stray Dog:सड़क, सदन और अब मंत्रालय में आवारा कुत्तों की मनमानी के बाद अब प्रदेश सरकार ने आवारा कुत्तों की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला किया है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने  7 वरिष्ठ आईएएस अफसरों को ऐसे आवारा कुत्तों की निगरानी करेंगे, जो लोगों की जान की आफत बन चुके हैं.

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फाइल फोटो

Stray Dogs In Bhopal: मध्य प्रदेश सरकार ने आवारा कुत्तों से हलकान आमजन की तकलीफ को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है. राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों से आवारा कुत्तों के शिकार होने की खबरें अक्सर सुर्खियां बनती है. सरकार ने अब आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं और इनकी रोकथाम के लिए 7 आईएएस अफसरों की ड्यूटी लगाई है, जो प्रदेशभर में आवारा कुत्तों की समस्या का समाधान करेंगे.

सड़क, सदन और अब मंत्रालय में आवारा कुत्तों की मनमानी के बाद अब प्रदेश सरकार ने आवारा कुत्तों की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला किया है. इसके लिए 7 वरिष्ठ आईएएस अफसर ऐसे आवारा कुत्तों की निगरानी करेंगे, जो लोगों की जान की आफत बन चुके हैं.

आवारा कुत्तों से निपटने के लिए बनाई गई 7 आईएएस अफसरों की कमेटी

रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने आवारा कुत्तों के रोकथाम के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में सिलसिलेवार तरीके से सात आईएएस अफसरों की एक समिति बनाई गई है, जो आवारा कुत्तों का प्रबंधन करेगी.  इस समिति में कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं.

एक्शन मोड मे ंसरकार, सड़क, सदन, मंत्रालय तक कुत्तों की खैर नहीं

प्रदेश में कुत्तों से सड़क ही नहीं, सदन और मंत्रालय भी हलकान हैं, जहां उनका आतंक इतना बढ़ गया है कि वे मंत्रालय परिसर में भी दिखने लगे हैं. यही वजह है कि अब सरकार एक्शन मोड में है और इन आवारा कुत्तों की खैर नहीं, क्योंकि इनसे अब 15 सदस्यों वाली कमेटी मुकाबला करेगी, जिसमें अपर मुख्य सचिव स्तर तक के आईएएस शामिल हैं.

पिछले सालभर में आवारा कुत्तों के शिकार हो चुके हैं 2100 से अधिक लोग

गौरतलब है अकेले राजधानी भोपाल में रोज़ाना कुत्तों के काटने के औसतन 55 मामले अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. आवारा कुत्तों की वजह से अब तक कई मासूमों की जान जा चुकी है. पिछले सालभर में कुत्तों के काटने के 21000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. यही नहीं, पिछले पांच सालों में राजधानी में आवारा कुत्तों ने पांच मासूमों की जान ले ली है.

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अस्पतालों से मिले आंकड़े बताते हैं कि 2022 में कुत्ते के काटने की कुल 8,124 घटनाएं दर्ज की गईं. वहीं,  वर्ष 2023 में यह संख्या लगभग दोगुनी होकर 16,387 हो गईं, जबकि 2024 के पहले पांच महीनों में कुत्ते के काटने के 7,728 मामले सामने आए हैं. 

पिछले पांच सालों में 5 मासूमों को मौत के घाट उतार चुके हैं आवारा कुत्ते

वर्ष 2018 में आवारा कुत्तों के काटने से रज़ा की मौत हो गई. इसी साल मई में संजू को भी कुत्तों ने मौत के घाट उतार दिया, वहीं, 2019 में 6 महीने के केशव को कुत्तों ने मार डाला, जबकि 16 जून 2022 में कुत्तों के हमले से मासूम ऋतिक की मौत हुई. अभी हाल ही में एक बच्ची को कुत्तों ने नोच कर मौत के घाट उतार दिया.

अकेले जुलाई महीने में तीन लोगों को शिकार बना चुके हैं आवारा कुत्ते

उल्लेखनीय है अकेले जुलाई महीने में कई लोगों की जान आवारा कुत्तों के काटने से जोखिम में आ गई. गत 1 जुलाई को लालघाटी के कुणाल को कुत्ते ने काट लिया, जिससे उसे 8 टांके लगे. गत 6 जुलाई को रायसेन की मजार पर आए 16 वर्षीय रवि साहू पर कुत्तों ने हमला बोल दिया, 9 जुलाई को होशंगाबाद के सेठानी घाट पर आए व्यक्ति पर कुत्ते ने हमला किया.

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'हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, इसलिए बनाई गई समिति'

प्रदेश में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों पर सरकार का कहना है कि उसने कुत्तों के हमलों के बढ़े हुए आंकड़ों को देखकर  फैसला लिया है, वहीं विपक्ष का आरोप है आंकड़े सरकारी विफलता दर्शाते हैं. पशुपालन विभाग के मंत्री लखन पटेल कहते हैं कि, हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है, इसलिए अफसरों की समिति बनाई गई है.

पीपुल्स फॉर एनिमल की स्वाती गौरव ने सरकार के कदम का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि, आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए गठित समिति में शामिल वरिष्ठ अधिकारी अच्छे फैसले लेंगे और समस्याओं का समाधान करेंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आलोचना की है.

क्षमता से अधिक आवारा कुत्तों से भरे हैं भोपाल नगर निगम के शेल्टर होम

वैसे, भोपाल नगर निगम के शेल्टर होम में क्षमता से अधिक आवारा कुत्ते भरे हुए हैं. राजधानी में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि दर्जनों लोग अस्पतालों में रेबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए लाइन में लगे रहते हैं. वैसे इस सरकारी फरमान से इन बेजुबानों के लिए काम करने वाली संस्थाएं खुश हैं.

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पीपुल्स फॉर एनिमल में मोहन सरकार के उठाए कदम का किया स्वागत

पीपुल्स फॉर एनिमल के लिए के काम करने वाली स्वाती गौरव ने कहा कि सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है. आवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए गठित 15 सदस्यों की समिति में शामिल वरिष्ठ अधिकारी अच्छे फैसले लेंगे और समस्याओ का समाधान करेंगे. हालांकि नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार के फैसले की आलोचना की है.

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