Ashok Nagar : कॉलेज लगातार बढ़ा रहा फीस, तंग छात्रों ने जमा हो कर किया विरोध, दी बड़ी चेतावनी

Ashok Nagar : प्रदर्शन के बाद छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी से मिला और फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की. छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही इस पर फैसला नहीं लिया गया तो वे आंदोलन तेज करेंगे.

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Ashok Nagar : कॉलेज लगातार बढ़ा रहा फीस, तंग छात्रों ने जमा हो कर किया विरोध, दी बड़ी चेतावनी

MP News in Hindi : मध्य प्रदेश के अशोकनगर ज़िले में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है. शासकीय नेहरू महाविद्यालय के छात्रों ने फीस वृद्धि के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. छात्रों ने कॉलेज से कलेक्टरेट तक रैली निकाली और नारेबाजी करते हुए अपनी मांग रखी. इस प्रदर्शन का नेतृत्व छात्र संगठन AIDSO ने किया. मिली जानकारी के मुताबिक, कॉलेज प्रशासन ने जनभागीदारी समिति के जरिए बस सुविधा के नाम पर 360 रुपये अतिरिक्त फीस बढ़ा दी है. छात्रों का कहना है कि यह पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि उन्हें कोई बस सुविधा नहीं मिल रही है. दूर-दराज के गांवों से आने वाले छात्र पहले से ही किराया देकर कॉलेज आते हैं और अब बिना बस सेवा मिले उनसे अतिरिक्त पैसा वसूला जा रहा है.

फीस बढ़ने से तंग हुए छात्र

छात्रों ने बताया कि पहले ही कॉलेज की फीस लगातार बढ़ाई जा रही है. सरकार ने कॉलेज का नाम बदलकर "प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस" कर दिया, जिससे उम्मीद थी कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी. लेकिन यहां शिक्षा के बजाय फीस बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.

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छात्रों ने रखी अपनी परेशानी

  • गरीब और मध्यम वर्गीय छात्र पहले से ही आर्थिक रूप से परेशान हैं.
  • कई छात्र अपनी पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट-टाइम काम कर रहे हैं ताकि फीस भर सकें.
  • कुछ छात्र महंगी फीस के कारण पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं.
  • नई शिक्षा नीति के तहत लाए गए वोकेशनल कोर्स की फीस भी ज्यादा ली जा रही है.

छात्रों ने सरकार पर उठाए सवाल

छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज में करीब 10 हजार छात्र पढ़ते हैं. अगर हर छात्र से 360 रुपये लिए जा रहे हैं तो यह रकम 36 लाख रुपये होती है. यह पैसा कहां जा रहा है, इसकी कोई पारदर्शिता नहीं है. पहले ही प्रवेश फीस और परीक्षा फीस बहुत अधिक है, उसके बावजूद इस तरह की बढ़ोतरी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. छात्रों ने सवाल उठाया कि शिक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की है या छात्रों पर आर्थिक बोझ डालने की? क्या सरकार केवल घोषणाएं करने के लिए चुनी जाती है?

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कलेक्टर से की सुनवाई की मांग

फीस बढ़ाने से आम गरीब छात्रों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है. प्रदर्शन के बाद छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी से मिला और फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की. छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही इस पर फैसला नहीं लिया गया तो वे आंदोलन तेज करेंगे.

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