पराली जलाने पर पाबंदी! एमपी में कलेक्टर ने जारी किए आदेश, उल्लंघन करने पर भरना होगा इतना जुर्माना 

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में Stubble Burning Ban लागू कर दिया गया है. कलेक्टर के नए MP Collector Order के तहत पराली जलाने पर अब किसानों को जमीन के हिसाब से भारी Environmental Penalty देनी होगी. प्रशासन ने Pollution Control Rules के तहत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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Stubble Burning Ban in MP: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में अब पराली जलाना किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बढ़ते प्रदूषण और लगातार आती आग की घटनाओं को देखते हुए कलेक्टर ने सख्त आदेश जारी कर दिए हैं. अगर अब कोई किसान अपने खेत में फसल अवशेष जलाता पकड़ा गया, तो उसे सीधे जुर्माना भरना पड़ेगा.

पराली जलाने पर जिला प्रशासन की सख्ती

ग्वालियर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रुचिका चौहान ने जिले में पराली और नरवाई जलाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लागू कर दिया है. प्रशासन ने साफ कहा है कि फसल अवशेष जलाना दण्डनीय अपराध है और ऐसा करने वालों के खिलाफ जुर्माना व अन्य कार्रवाई की जाएगी. यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा-निर्देशों के तहत उठाया गया है.

आग की घटनाओं पर लगाम के लिए आदेश

कलेक्टर के अनुसार यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि खेतों में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण, आग की दुर्घटनाओं और जान-माल के नुकसान पर रोक लगाई जा सके. आदेश के पालन को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारियों की अध्यक्षता में समितियां भी बनाई गई हैं.

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हर दिन की रिपोर्ट भेजनी होगी

इस व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उप संचालक, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग को निर्देश दिया गया है कि वे हर दिन की कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार कर कलेक्ट्रेट में भेजें. साथ ही किसानों को जागरूक करने की जिम्मेदारी भी कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारी निभाएंगे.

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किसानों से अपील: पराली न जलाएं 

कलेक्टर ने जिले के किसानों से अपील की है कि वे अपने खेतों में पराली और नरवाई जैसे अवशेष न जलाएं. इससे न सिर्फ हवा प्रदूषित होती है, बल्कि खेत की मिट्टी में मौजूद लाभदायक सूक्ष्म जीवाणु भी नष्ट हो जाते हैं. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, पराली जलाने से मिट्टी में अम्लीयता बढ़ती है, जलधारण क्षमता घटती है और खेत की उर्वरता को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचता है.

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जमीन के हिसाब से तय किया जुर्माना

जारी आदेश में यह स्पष्ट है कि पराली जलाने पर जुर्माना जमीन के आकार के अनुसार लगाया जाएगा...

  • 2 एकड़ से कम भूमि वाले किसान पर – 2,500 रुपए प्रति घटना जुर्माना
  • 2 से 5 एकड़ वाले किसान पर – 5,000 रुपए प्रति घटना जुर्माना
  • 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान पर – 15,000 रुपए प्रति घटना पर्यावरण मुआवजा