MP News : मध्य प्रदेश में अपने 89वें जन्मदिन से एक दिन पहले अंचल के साहित्यकार भगवती प्रसाद कुलश्रेष्ठ पर गोवंश ने आपस में लड़ते हुए हमला कर दिया. मुरैना शहर से अपने गांव डोंगरपुर लोधा जा रहे साहित्यकार कुलश्रेष्ठ ने गोवंश को लड़ते देख, जींगनी गांव पर हाईवे किनारे अपना दुपहिया वाहन खड़ा कर लिया. वह वाहन को छोड़कर नीचे उतर पाते, उससे पहले ही कई गोवंश उनके वाहन और उनको रौंदते हुए निकल गए.
देरी से पहुंची एंबुलेंस
ग्रामीणों ने साहित्यकार भगवती प्रसाद को जमीन पर लिटाकर शरीर को सचेत करने का प्रयास किया गया. परिजनों को सूचना दी. एंबुलेंस को भी बुलाया. लगभग एक घंटे में पहुंची पुत्रवधु, उन्हें लेकर ई-रिक्शे से जिला चिकित्सालय के लिए रवाना हुई.
चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया
रास्ते में साहित्यकार की पुत्री का पुत्र भी चार पहिया वाहन लेकर मिल गया. तब उन्हें अस्पताल लाया गया. यहां, चिकित्सकों ने परीक्षण उपरांत मृत घोषित कर दिया. दुर्भाग्य यह था कि समय रहते एंबुलेंस मौके पर पहुंच जाती, तब संभवत: परिणाम कुछ और हो सकते थे. बहरहाल गोवंश की जंग तथा एम्बुलेंस की देरी से अंचल के साहित्य का एक तारा विलुप्त हो गया.
इनकी 13 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं
साहित्यकार भगवती प्रसाद कुलश्रेष्ठ ने अपने जीवनकाल में अनेक पुस्तकें लिखी, जिनमें 13 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं. अभी कुछ पुस्तकें प्रकाशन की बाट जोंह रहीं हैं. साहित्य के क्षेत्र में जिले से लेकर राज्य व राष्ट्रीय स्तर के अनेक पुरस्कारों से सम्मानित साहित्यकार भगवती प्रसाद कुलश्रेष्ठ के निधन पर साहित्यकारों, पत्रकारों व गणमान्य नागरिकों ने शोक संवेदना व्यक्त की है.
ये भी पढ़ें- इन 25 आदिवासी परिवारों से नक्सलियों को क्यों है खुन्नस? 21 साल पहले छोड़ना पड़ा था अबूझमाड़
निगम के सभापति भी आ चुके हैं, चपेट में
वहीं, बीते दिन नगर निगम मुरैना के सभापति राधारमण डण्डौतिया राजा घायल हो गए. अपने वार्ड भ्रमण के दौरान लड़ रहे गोवंश ने सभापति के दुपहिया वाहन को अपनी चपेट में ले लिया. हालांकि, सभापति हमले की आशंका को देख वाहन को छोड़ दूर भागे. इसके बावजूद भी वह गोवंश के हमले की चपेट में आ ही गए. नगर निगम के सभापति पर भी आवारा गोवंश द्वारा हमला किया जाना निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, लेकिन सभापति निगम को असहाय बताते हुए सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ रहे हैं. उन्होंने सरकार से यह भी मांग की है कि जिले में गौ अभ्यारण्य बनाया जाए. बहरहाल आवारा गोवंश का आतंक जिले भर में फैला हुआ है. इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्रों की अधिकांश गौशालाएं खाली पड़ी हुई हैं.
ये भी पढ़ें- "गजेटेड ऑफिसर से पूछे धर्म क्या है..." ? सेना भर्ती में धर्म-पत्र पर कांग्रेस ने साधा निशाना