MP News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शहडोल (Shahdol) जिले के पटासी गांव में मनरेगा के अंतर्गत 38 लाख रुपये की लागत से बनाया गया स्टॉप डैम (Stop Dam) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है. स्टॉप डैम में एक बूंद पानी का रुकाव नहीं हुआ, जिससे डैम का फायदा किसानों को नहीं मिल पा रहा है. पटासी गांव में वर्ष 2023-24 में मनरेगा के तहत मांचीडेबरा नाले में RES विभाग ने स्टॉप डैम निर्माण की स्वीकृति दी थी. निर्माण की कुल लागत 38 लाख रुपये थी. निर्माण काम शुरुआत से ही तकनीकी मापदंडों का ध्यान नहीं रखा गया, जिसके कारण स्टॉप डैम तो बना, लेकिन इसमें पानी नहीं भरा...
भ्रष्टाचार के कारण बेकार हुआ स्टॉप डैम
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
स्टॉप डैम निर्माण में इतनी लापरवाही बरती गई कि निर्माण के बाद जिस हिस्से में पानी का भराव होना था, वहां झाड़ियां, मलबे और निर्माण के दौरान निकले गए पत्थरों तक को नहीं हटाया गया. स्टॉप डैम निर्माण में ओवर स्टीमेट बनाकर लागत बढ़ाई गई और सारे पैसे का बंदरबांट कर लिया गया. ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदार इंजीनियर SDO ने स्टॉप डैम का निर्माण एक जन प्रतिनिधि को ठेके में सौंप दिया था. उसी ने पूरा निर्माण कार्य किया. अब इसके बनने के बावजूद पानी का भराव न होने से नाले के किनारे बने खेतों में सिंचाई भी नहीं हो रही है.
रखरखाव का बड़ा अभाव
सरकारी पैसे की इस कदर बरबादी की जाती है कि इस नाले में इस स्टॉप डैम के पहले भी हाल ही में एक और स्टॉप डैम 15 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है. कुछ साल पहले भी एक स्टॉप डैम बनाया गया. लेकिन, सभी डैम रखरखाव के अभाव में सूखे पड़े हैं. पटासी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि स्टॉप डैम तो बना दिया गया, लेकिन पानी नहीं रुकने से कोई फायदा नहीं मिल रहा है. यहां तक कि पटासी गांव में सोहागपुर जनपद अध्यक्ष रहती है. लेकिन, उनका कहना है कि इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गयी.
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परीक्षण कराने की कही बात
जब मामले में RES विभाग के अधिकारियों से बात की गई, तो वो कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचते नजर आए. वहीं, इस मामले में जिला पंचायत के एडिशनल CEO ने कहा कि स्टॉप डैम में पानी का भराव क्यों नहीं हुआ उसका परीक्षण कराएंगे और टीम भेजकर स्पॉट निरीक्षण कराया जाएगा. साथ ही, गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
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