लोकायुक्त पुलिस के जाल में फंस गए नायब तहसीलदार और निरीक्षक, रिश्वत लेते दोनों हुए गिरफ्तार

MP News: लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नायब तहसीलदार और निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है? 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश  के सिंगरौली जिले में लोकायुक्त  पुलिस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. लोकायुक्त रीवा ने मंगलवार को सिंगरौली जिले में चितरंगी तहसील के नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल को 4 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. इस मामले में राजस्व निरीक्षक हरी प्रसाद वैश को भी आरोपी बनाया गया है. दोनों पर कुल 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है.

शिकायतकर्ता प्रवीण चतुर्वेदी, निवासी करौली (सीधी) ने लोकायुक्त को बताया कि उन्होंने वर्ष 2016 में बालाखंड, चितरंगी में 0.800 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी. विक्रेता के पुत्रों ने जमीन पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद प्रवीण चतुर्वेदी ने 2017 में बेदखली के लिए आवेदन किया.

नायब तहसीलदार अदालत ने 8 सितंबर 2021 को बेदखली का आदेश जारी किया था, लेकिन स्थानीय अधिकारी इस आदेश का पालन नहीं करा रहे थे. शिकायतकर्ता का आरोप था कि जमीन पर कब्जा हटवाने के लिए नायब तहसीलदार महेंद्र कोल और राजस्व निरीक्षक हरी प्रसाद वैश ने 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी. लोकायुक्त के किए गए सत्यापन के दौरान, 22 नवंबर को नायब तहसीलदार ने 4 हजार रुपए और 23 नवंबर को राजस्व निरीक्षक ने 8 हजार रुपए की मांग की पुष्टि हुई.

सत्यापन सही पाए जाने के बाद लोकायुक्त की टीम ने आज बैरीटोला खुर्द स्थित सरकारी आवास पर नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल को शिकायतकर्ता से 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा.

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दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इस कार्रवाई का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार ने किया. निरीक्षक उपेंद्र दुबे सहित 12 सदस्यीय लोकायुक्त टीम ने मौके पर पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया.

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