GIS 2025 में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा- अमेरिका और कनाडा में धूम मचा रहा है MP का बासमती Rice

MP GIS 2025 Bhopal: GIS में केंद्रीय कृषि मंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि "मैं आश्वस्त करता हूं, भारत के किसानों के लिए और हमारी स्वदेशी इंडस्ट्री के लिए जिस तरह की आयात-निर्यात नीति की जरूरत होगी, केंद्र सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वैसी नीति बनाएगी."

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MP Global Investors Summit 2025 Shivraj Singh Chouhan: शिवराज सिंह ने समिट में कहा MP निवेशकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन
Ajay Kumar Patel

MP Global Investors Summit 2025 Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के दौरान सीड टू सेल्फ इन लॉन्चिंग इन्वेस्टमेंट अपार्चुनिटी इन एमपी एग्री फूड एण्ड डेयरी सेक्टर पर आयोजित सत्र में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं. मध्यप्रदेश निवेश के लिये आवश्यक अधोसंरचना के साथ एक लाख हैक्टेयर का लैण्ड बैंक रखने वाला देश का पहला राज्य है. उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों के अंतर्गत टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन, मिर्च, गेहूँ और चावल उत्पादन में देश अग्रणी है. कृषि-उद्यानिकी उत्पादन की प्रचुर मात्रा में उत्पादन से किसान को फसल का भरपूर दाम नहीं मिल पाता है. इसलिये आवश्यक है कि प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जाये. इससे फसलों का वैल्यू एडीशन होगा. किसान और उत्पादक इकाई, दोनों लाभान्वित होंगे. इसी तरह भारत पूरी दुनिया में फूड प्रोसेसिंग के लिये वर्ल्ड लीडर बन सकता है.

नई किस्म विकसित कर रहा है कृषि मंत्रालय

केंद्रीय कृषि मंत्री ने GIS में कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिये बीज और पौध की नवीन किस्म विकसित करवा रहा है. उन्होंने कहा कि देश के कृषि उत्पादन को विदेशों में बेहतर मांग मिल सके, इसके लिये भारत सरकार द्वारा चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी शून्य कर दी है. साथ ही ऑइल पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दी है. इसका लाभ देश की फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को मिलेगा. उन्होंने सभी निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिये भरपूर सहयोग का आश्वासन भी दिया.

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 हम दुनिया में नंबर वन हैं : केंद्रीय कृषि मंत्री

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसके प्राण. किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है. कृषि मंत्री के रूप में मेरे दिमाग में हमेशा से यही बात थी कि, किसानों की वास्तविक समस्याएं समझें और उनका ठीक ढंग से समाधान करें। आज मुझे कहते हुए गर्व है कि, प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत की एग्रीकल्चर और एलाइड सेक्टर की ग्रोथ 4.5% से ऊपर है, और उसमें भी हार्टिकल्चर 5% से ऊपर है. हम दुनिया में नंबर वन हैं. मध्यप्रदेश अनंत संभावनाओं का प्रदेश है. यह प्रदेश जल संपदा, वन संपदा और खनिज संपदा से भरपूर है.

मध्यप्रदेश का बासमती राइस तो अमेरिका और कनाडा में धूम मचा रहा है और जितनी भी कंपनियां आटा बनाती हैं, वो अपने विज्ञापनों में कहती हैं कि, एमपी व्हीट का जिक्र करती हैं. मध्यप्रदेश का शरबती गेहूं पूरे देश और दुनिया में धूम मचा रहा है. अब मध्यप्रदेश पिछड़ा और बीमारू राज्य नहीं है.

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कभी मध्यप्रदेश की पहचान टूटी सड़कों और अँधेरों के प्रदेश से होती थी, लेकिन आज आप देखेंगे चारों तरफ मध्यप्रदेश में विकास की बहार है. शानदार हाईवे देख लीजिए, कनेक्टिविटी देख लीजिए. कल-कल करती बहती हुई नदियां देख लीजिए. पानी की कमी नहीं है. बिजली हो, पानी हो और जमीन के बारे में तो कहा ही गया है कि, 1 लाख हेक्टेयर का लैंड बैंक अगर किसी के पास है तो वो केवल मध्यप्रदेश है. मध्यप्रदेश निवेशकों की पसंदीदा डेस्टिनेशन बन चुका है और बड़ी तेजी से निवेश मध्यप्रदेश की धरती पर आ रहा है. यहाँ के फल, सब्जी, अनाज, हमारा संतरा हो, केला हो, लहसुन, प्याज हो, मालवा का आलू हो, जबलपुर का मटर हो हर तरह की यहाँ फसलें होती हैं और फूलों की भी बहार हैं.  भारत सरकार की तरफ से जो सहयोग संभव है, वो सहयोग भी विशेषकर कृषि और हार्टिकल्चर के क्षेत्र में किया जाएगा.

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प्रदेश के उद्यानिकी उत्पादों ने देश में अलग पहचान बनायी

वहीं उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि मध्यप्रदेश, अपनी समृद्ध कृषि, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण क्षमताओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. प्रदेश के उद्यानिकी उत्पादों ने देश में अलग पहचान बनायी है. प्रदेश के 27 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन किया जा रहा है. इसे आगामी 5 वर्षों में बढ़ाकर 32 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 400 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 500 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है. देश के कुल जैविक उत्पादन में मध्यप्रदेश की भागीदारी 40 प्रतिशत है. प्रदेश का रियावन लहसुन और सुंदरजा आम विश्व बाजार में अपनी अलग पहचान रखता है. हमारी सरकार ने कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में विशेष निवेश योजनाओं को लागू करते हुए ‘एक जिला-एक उत्पाद' पहल के तहत 52 जिलों की विशिष्ट फसलें चिन्हित की हैं. राज्य सरकार द्वारा बनायी गयी नवीन निवेश नीतियों को निवेशकों के अनुकूल बनाया गया है. साथ ही इन नीतियों के निर्धारण के लिये निवेशकों के सुझाव भी राज्य सरकार द्वारा खुले मन से आमंत्रित किये गये हैं. निवेश प्रोत्साहन के लिये सिंगल विण्डो प्रणाली रखी गयी है, जिसमें भूमि का आवंटन एवं सभी प्रकार की अनुमतियां कम से कम समय में मिल सकेंगी. किसानों की आय, रोजगार, निवेश तथा निर्यात में वृद्धि राज्य सरकार का संकल्प है.

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