चुनावी बेला में मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस किसानों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. अब शिवराज सरकार ने किसानों को लेकर एक बड़ी योजना शुरू करने का ऐलान किया है. सरकार अब मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना (Chief Minister Krishak Mitra Yojana) शुरू होने जा रही है. जिसमें किसानों को स्थाई पम्प कनेक्शन (permanent pump connection) दिया जाएगा. आज खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan)इसके लिए फॉर्म भरवाएंगे.
इस कार्य का 50 फीसदी खर्च शासन द्वारा और 50 फीसदी कृषक या कृषक समूह द्वारा वहन किया जायेगा.योजना के पहले वर्ष में 10 हजार पम्प के लिये लक्ष्य रखा गया है. ये योजना 2 साल तक प्रभावी रहेगी.
राज्य में 60 फीसदी हैं किसान
दरअसल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) किसान प्रधान प्रदेश है. यहाँ पर 60 फ़ीसदी से ज़्यादा लोग कृषि क्षेत्र में कामकाज करते हैं. इससे पहले 16 सितंबर 2023 को मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना को शुरू करने की मंजूरी दी गई थी.इस योजना के तहत किसानों को आसानी से सिंचाई की सुविधा प्रदान की जा सकेगी.जिससे लाखों किसानों को लाभ मिलने की संभावना है.
कांग्रेस ने भी किए लुभावने वादे
बता दें कि बीते 26 जुलाई को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Congress state president Kamal Nath)ने प्रदेश के किसानों को लेकर कई घोषणाएं की थी. कांग्रेस ने इसे कृषक न्याय योजना का नाम दिया है. कमलनाथ ने कहा था कि उनकी सरकार बनने पर इस योजना को लागू किया जाएगा. योजना में किसानों को पांच हॉर्स पॉवर तक के पम्प के लिए मुफ्त बिजली देने और सिंचाई के लिए किसानों को 12 घंटे तक प्रर्याप्त और निर्बाध बिजली देने के अलावा किसानों के आंदोलनों के दौरान उनके खिलाफ जो प्रकरण दर्ज हुए थे, उन्हें वापस लेने का ऐलान किया था. कांग्रेस का दावा है कि उनकी योजना से 37 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा. इसके पहले भी कर्ज़ माफ़ी पर सियासत मध्य प्रदेश में लगातार देखने के लिए मिली है. किसानों के लिए सत्ताधारी दल बीजेपी योजनाओं का पिटारा खोल रही है. इसी क्रम में 11 लाख से ज्यादा डिफॉल्टर किसानों का दो हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज का ब्याज माफ़ी का फ़ैसला लिया है. BJP बिलकुल भी नहीं चाहती जो किसान वोट उनकी ताक़त रहा है वो आने वाले चुनावों में खिसके .कांग्रेस भी चाहती है कि 2018 के चुनावों में जो कर्ज़ माफ़ी से उन्हें फ़ायदा मिला था वो उसे 2023 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) में भी मिल पाए इसलिए दोनों ही पार्टी पूरी तरीक़े से किसानों को साधने में जुटी हुई है.