9 महीने पहले हुआ फ्रॉड ! आज भी कीमत चुका रहा ये परिवार, क्या खाक छान रही पुलिस?

Shivpuri Madhya Pradesh : जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आम लोगों को जागरूकता और सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है, ताकि वे किसी बड़े फ्रॉड का शिकार न हो और उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहे. 

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Online Fraud : शिवपुरी, मध्य प्रदेश- ये घटना 3 जनवरी 2024 की रात की है. जब एक परिवार के साथ कुछ ऐसा जो किसी ने नहीं सोचा था. आलम ऐसा है कि आज 9 महीने बीत जाने के बाद भी वे उस हादसे से उभर नहीं पाए हैं. दरअसल, शिवपुरी का रहने वाला नितांत इन्फोगेन कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करता था. जनवरी के दौरान वो वर्क फ्रॉम होम कर रहा था. उसे अपने काम के लिए एक सॉफ्टवेयर की जरूरत थी, जिसे वे ऑनलाइन खरीदना चाहता था. इसके लिए नितांत ने पुणे की एक सॉफ्टवेयर कंपनी से एक सॉफ्टवेयर आर्डर किया. उसने सॉफ्टवेयर को खरीदने के लिए लेनदेन में क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते का इस्तेमाल किया था. लेकिन पेमेंट करने के बाद भी उसे सॉफ्टवेयर का एक्सेस नहीं मिला.

पहले हुआ लोन पास, फिर अकाउंट से उड़े 21 लाख

इसके बाद नितांत के क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते से प्री अप्रूव लोन के जरिए कुल 21 लाख 46 हजार 100 रुपये कट गए. नितांत के पिता की मानें तो, सबसे पहले अकाउंट में 19 लाख का लोन पास हुआ फिर रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हो गई. बेटे के अकॉउंट में पहले से 2 लाख रुपए मौजूद थे.... शातिर ठगों ने उन पैसों पर भी हाथ साफ करते हुए कुल 21 लाख 46 हजार रुपये हड़प लिए. ऑनलाइन ठगी का शिकार होने के बाद दोनों बाप-बेटे कुछ पल के लिए सहम गए.

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कंपनी ने बरगला कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से लिए पैसे

लेकिन इस ऑनलाइन आर्डर ने नितांत और उनके परिवार के लिए एक भयानक रात में तब्दील कर दिया. उस एक रात में परिवार के साथ 21 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड हो गया. यह घटना किसी एक गलती का नतीजा नहीं थी बल्कि जालसाजों की एक सोची-समझी क्राइम का हिस्सा थी. जिसमें नितांत बुरी तरह से फंस गया था. लेकिन आज करीब 9 महीने बीत जाने के बाद भी नितांत इस घटना से निकल नहीं पाया है.

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| लगातार मानसिक वेदना से जूझ रहा परिवार

9 महीने बीत गए लेकिन पुलिस के हाथ नहीं लगा सुराग

घटना के तुरंत बाद, नितांत रघुवंशी ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई और आरोपियों के खिलाफ लिखित रिपोर्ट भी दी. लेकिन अफ़सोस, 9 महीने बीत जाने के बावजूद, पुलिस अभी तक आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है और न ही ठगे गए पैसे वापस मिले हैं.

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लगातार मानसिक वेदना से जूझ रहा नितांत का परिवार

इस घटना ने रघुवंशी परिवार को न केवल मानसिक बल्कि आर्थिक रूप से भी बुरी तरह झकझोर दिया है. पिछले 9 महीनों से यह परिवार लगातार मानसिक तनाव और आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहा है. नितांत के पिता, नागेंद्र रघुवंशी इस कठिन दौर से गुजरते हुए NDTV को धन्यवाद देते हुए कहते हैं, "साइबर अपराधों से बचने के लिए केवल सतर्कता ही एकमात्र उपाय है. "

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ऑनलाइन धोखाधड़ी में सतर्क होना सबसे सरल रास्ता

वे यह भी मानते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार साइबर अपराधों पर काबू पाने के लिए अच्छे प्रयास कर रही है, लेकिन डिजिटल अपराधों के इस जाल से बचने के लिए इसके फैले जाल को तोड़ना बेहद जरूरी है. बहरहाल, जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराधों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में आम लोगों को जागरूकता और सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है, ताकि वे इस तरह के फ्रॉड से सुरक्षित रह सकें.

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