Shivnavratri 2025: आज से शुरू हो रही है शिवनवरात्रि, 30 साल बाद बना है विशेष संयोग, 9 दिन अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे महाकाल

Mahashivratri Shri Mahakaleshwar Temple: 17 फरवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले 9 दिवसीय शिवनवरात्रि में महाकाल दूल्हे की तरह सजाए जाएंगे और 9 दिन महाकाल भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देगे. शिवनवरात्रि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन संपन्न होगा.

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Shivnavratri Mahakal Temple

Shiv Navratri Festival: महाकाल की नगरी उज्जैन में आज नौ दिन तक चलने वाली शिवनवरात्रि शुरू हो रही है. नौ दिनों तक चलने वाली शिवनवरात्रि पर्व इस बार 9 की जगह कुल 10 दिनों तक चलेगी. महाशिवरात्रि पर्व के 9 दिन पूर्व यानी 17 फरवरी से शुरू हो रहे शिवनवरात्रि के दिन श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल को दूल्हे की तरह सजाया जाएगा और पूरे 9 दिन तक महाकाल अलग-अलग रूपों में भक्तों को दर्शन देंगे. 

17 फरवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले 9 दिवसीय शिवनवरात्रि में महाकाल दूल्हे की तरह सजाए जाएंगे और 9 दिन महाकाल भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देगे. शिवनवरात्रि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन संपन्न होगा.

शिवनवरात्रि 9 दिनों तक नहीं, बल्कि 10 दिनों तक चलेगा

गौरतलब है 30 साल बाद विशेष संयोग बना है, जब शिवनवरात्रि 9 दिनों तक नहीं, बल्कि 10 दिनों तक चलेगा. बताया जाता है कि महाशिवरात्रि तक चलने वाले शिवनवरात्रि उत्सव के लिए महाकाल मंदिर को विशेष रूप से तैयार किया गया है. रविवार को मंदिर परिसर में नया रेड कारपेट बिछाया गया.श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया.

कृष्ण पंचमी से त्रयोदशी तक मनेगा शिवनवरात्रि उत्सव

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में फाल्गुन कृष्ण पंचमी से त्रयोदशी तक शिव नवरात्र उत्सव मनाया जाता है. इस बार 17 फरवरी को इसकी शुरुआत होगी. इस दिन पुजारी कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन कर हल्दी अर्पित करेंगे. करीब एक घंटे तक चलने वाले विशेष पूजन के बाद आज सुबह 9:30 बजे से गर्भगृह में बाबा महाकाल का पंचामृत अभिषेक व पूजन होगा.

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल में 9 दिनों तक महाशिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है. पहले दिन 11 ब्राह्मणों द्वारा रूद्रपाठ किया जाएगा. पूजन का यह क्रम दोपहर 1 बजे तक चलेगा.  इसके बाद भोग आरती होगी और दोपहर 3 बजे संध्या पूजन होगा. यह क्रम महाशिवरात्रि तक जारी रहेगा.

शिवनवरात्रि के दिन बदलेगा श्री महाकाल की आरती का समय

शिव नवरात्र में अभिषेक-पूजन के विशेष अनुक्रम के कारण श्री महाकालेश्वर मंदिर में भोग आरती एवं संध्या पूजन का समय बदलेगा. फिलहाल महाकाल मंदिर में  सुबह 10 बजे भोग आरती संपन्न किया जाता है और शाम 5 बजे संध्या पूजन होता है, लेकिन शिव नवरात्र के नौवों दिन दोपहर 1 बजे भोग आरती और दोपहर 3 बजे संध्या पूजन होगा.

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9 दिन अलग-अलग संपन्न किया जाएगा महाकाल का शृंगार

शिवनवरात्रि के पहले दिन महाकाल दूल्हा बनेंगे और इस महाकाल का चंदन शृंगार होगा. दूसरे दिन शेषनाग शृंगार, तीसरे दिन घटाटोप शृंगार, चौथे दिन छबीना शृंगार, पांचवें दिन होल्कर रूप शृंगार, छठे दिन मनमहेश रूप शृंगार, सातवें दिन उमा महेश शृंगार, आठवें दिन शिवतांडव शृंगार, नौवें दिन सप्तधान शृंगार होगा. 

महाशिवरात्रि पर्व पर दिनभर जलधारा से महाकाल का अभिषेक होगा और रातभर बाबा महाकाल का विशेष पूजन व अभिषेक होगा. अगले दिन 27 फरवरी को सुबह भगवान के सप्तधान्य शृंगार व सेहरे के दर्शन होंगे. दोपहर 12 बजे भस्मार्ती होगी. इस दौरान मंदिर के पट 44 घंटे खुले रहेंगे.

 27 फरवरी को होगा महाशिवरात्रि उत्सव का समापन

महाशिवरात्रि के अगले दिन 27 फरवरी को महाशिवरात्रि उत्सव का समापन होगा. यह साल में एकमात्र मौका होता है जब दोपहर में महाकाल की भस्मार्ती होती है. इस दिन 3 क्विंटल फूलों से बना बाबा महाकाल का सेहरा भक्तों के बीच लुटाया जाता है. मान्यता है कि बाबा के सेहरे के धान, फूल आदि रखने से घर हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है.

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27 फरवरी को करीब  44 घंटे खुले रहेंगे महाकाल के पट

महाशिवरात्रि पर्व पर 26 फरवरी को दिनभर जलधारा से भगवान महाकाल का अभिषेक होगा और रातभर बाबा महाकाल का विशेष पूजन व अभिषेक होगा. अगले दिन 27 फरवरी को सुबह भगवान के सप्तधान्य शृंगार व सेहरे के दर्शन होंगे. इसके बाद दोपहर 12 बजे भस्मार्ती होगी. इस दौरान मंदिर के पट करीब 44 घंटे खुले रहेंगे.

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