Shikara Boat in Bhopal: झीलों की नगरी को "शिकारा" की सौगात मिल गई है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज भोपाल के बोट क्लब पर शिकारा नावों का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर किया. इस मौके पर सीएम ने कहा कि " भोपाल के सबसे सुंदर बड़े तालाब पर शिकारा नावों का शुभारंभ हुआ है जिससे यहां के पर्यटन को नया आयाम मिलेगा। डल झील की तर्ज पर शिकारे जब यहां चलेंगे, तो पर्यटकों को एक अलग ही अनुभव मिलेगा."
रोजगार के नए अवसर बनेंगे : CM मोहन
सीएम मोहन यादव ने कहा कि "प्रदेश की सबसे खूबसूरत झील में "शिकारा" के संचालन से भोपाल, पर्यटन के नए केंद्र के रूप में उभरेगा. आज अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो में चीते भी छोड़े जाएंगे. इससे पहले भोपाल को मिली इस महत्वपूर्ण सौगात के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पर्यटकों का लगातार आवागमन रहता है. आज बोट क्लब पर शिकारा नौकाओं का शुभारंभ किया गया है, जिससे जल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे:"
सैर के दौरान मुख्यमंत्री ने शिकारा-बोट रेस्टोरेंट से चाय,पोहा, समोसे एवं फलों का नाश्ता लेकर ज़ायका लिया. सीएम ने फ्लोटिंग बोट मार्केट से मुख्यमंत्री ने वस्त्रों की खरीदारी भी की. मुख्यमंत्री ने कहा कि "भोपाल के सबसे सुंदर बड़े तालाब पर शिकारा नावों का शुभारंभ हुआ है, इससे यहां के पर्यटन को नया आयाम मिलेगा."
क्यों खास है ये प्रोजेक्ट?
पर्यटन निगम द्वारा अपर लेक बोट क्लब, भोपाल में 20 नए शिकारा शुरू किए गये हैं. शुभारंभ कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव के अलावा मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण,नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, संस्कृति राज्यमंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, राज्य मंत्री कृष्णा गौर, राज्यमंत्री दिलीप अहीरवार, राज्यमंत्री राधा सिंह सहित विधायक एवं अन्य अतिथि मौजूद रहे.
- ये शिकारे डल लेक, कश्मीर की तर्ज पर बनाए गए हैं.
- शिकारों का निर्माण पर्यावरण प्रदूषण रहित सामग्री — फाइबर रिइनफोर्स्ड पॉलीयूरिथेन (FRP) से किया गया है.
- इसके जल से संपर्क होने पर किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होगा.
- अत्याधुनिक तकनीक से बनी इन नौकाओं से जल-पर्यटन के लिए अधिक सुरक्षित, टिकाऊ तथा आकर्षक है.
- पर्यटन निगम का उद्देश्य भोपाल में डल लेक जैसी अनुभूति प्रदान करना है.
- राजधानी भोपाल वाटर-टूरिज्म हब के रूप में विकसित हो रहा है.
इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश में जल-पर्यटन (वाटर टूरिज्म) को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाना है. प्रदेश में पहली बार इतने वृहद स्तर पर शिकारों का संचालन किया जा रहा है.
इससे बड़े तालाब की पारिस्थितिकी और जल की शुद्धता पूर्णतः सुरक्षित रहेगी. ये शिकारे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था द्वारा निर्मित किए गए हैं, जिनके द्वारा निर्मित शिकारे पूर्व में केरल, बंगाल और असम में भी पर्यटकों द्वारा अत्यंत पसंद किए जा रहे हैं. आज से भोपाल का बोट क्लब इन आकर्षक शिकारों के साथ पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार होगा.
किराया कितना है?
बोट क्लब पर जिन शिकारों का शुभारंभ किया गया है उसका संचालन मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम करेगा. हर शिकारे में 4 से 6 लोग बैठ सकते हैं. आपको आधे घंटे की सैर के लिए 300 से 450 रुपये देने होंगे. एक शिकारा करीब 2.40 लाख में तैयार हुआ है. शिकारे सुबह 9 बजे से सनसेट तक उपलब्ध रहेंगे. वहीं सैर के दौरान नाविक पर्यटकों को बड़े तालाब और भोपाल की विरासत से जुड़ी जानकारी देंगे.
यह भी पढ़ें : PMO बना सेवा तीर्थ; देशभर के राजभवन अब कहलाएंगे लोकभवन, जानिए PM मोदी ने क्यों लिया ये फैसला?
यह भी पढ़ें : Anganwadi Bharti: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की ऑनलाइन भर्ती करने वाला MP देश का पहला राज्य- CM मोहन यादव
यह भी पढ़ें : Tatkal Ticket New Law: रेलवे ने बदल दिए तत्काल टिकट बुकिंग के नियम, अब इसके बिना नहीं मिलेगा टिकट?
यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को नई रफ़्तार; रेल मंत्री ने कहा- इन क्षेत्रों में प्रोजेक्ट हुए तेज