न्याय नहीं मिल रहा तो तहसीलदार के पैर पकड़कर बैठ गईं आदिवासी महिलाएं, लगाई इंसाफ की गुहार 

MP News: श्योपुर में न्याय की गुहार लगा रहीं आदिवासी महिलाएं तहसीलदार के पैरों पर गिर गईं. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है? 

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Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के श्योपुर के कराहल आदिवासी विकासखंड में भू माफिया और दबंग लोग आदिवासी परिवारों की जमीनों पर कई सालों से अवैध रूप से जबरन कब्ज़ा करे बैठे हैं. दबंगों के कब्जे से अपनी जमीनों को छुड़वाने के लिए आदिवासी लोग दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं. कराहल आदिवासी विकास खंड के अफसरों से अपनी जमीन छुड़वाने के लिए सालों से जिम्मेदार अफसरों की दहलीज के चक्कर लगाने वाली आदिवासी महिलाओं के आवेदनों पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो गरीब और मजबूर महिलाएं कराहल की तहसीलदार के पैरों में गिर गई.

ये है मामला

न्याय की उम्मीद से दो आदिवासी महिलाओं ने दफ्तर की सीढ़ी से उतर रही कराहल की  तहसीलदार रोशनी शेख के पैरों को पकड़ कर दबंगों के कब्जे से अपनी जमीन को छुड़वाने की गुहार लगाते हुए उनसे न्याय दिलाने की बात कही. महिलाओं के पैर पकड़ने के बाद तहसीलदार रोशनी शेख ने भी मानवता का परिचय देते हुए तहसीलदार भी आदिवासी महिलाओं की पुकार सुनने के लिए दफ्तर की सीढ़ियो पर बैठ गईं.

तहसीलदार रोशनी शेख ने आदिवासी महिलाओं से बातचीत करते हुए पीड़ित दोनों आदिवासी महिलाओं के आवेदन को गंभीरता से लेते हुए पटवारी से तुरंत मामले की जांच के बाद दबंगों के चंगुल से उनकी जमीन को मुक्त करवाने का भरोसा दिया.

तहसीलदार के पैर पकड़ने वाली आदिवासी महिलाओं का कहना है कि वो कई बार दबंगो और भू माफियाओं के कब्जे में फंसी अपनी जमीन को मुक्त करवाने के लिए कराहल के अधिकारियों को शिकायत कर चुकी हैं. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में हार कर दुखी होकर उन्होंने तहसीलदार के पैर पकड़ कर न्याय के मंदिर से  इंसाफ की मांग की.  

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