Collector Arpit Varma strict action: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कलेक्टर अर्पित एक्शन मोड में नजर आए. सरकारी विभाग में चल रहे कामों की हकीकत जानने के लिए खुद दौरे पर निकल गए. जहां-जहां औचक निरीक्षण किया कई खामियां सामने आईं. इसके बाद कलेक्टर ने ऑन द स्पॉट कड़ा एक्शन ले लिया. इसके बाद जिलेभर में हड़कंप मच गया है.
जिले में स्वास्थ्य शिक्षा, आंगनवाड़ी और आदिवासी छात्रावासों की बे पटरी हुई व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए श्योपुर कलेक्टर अर्पित वर्मा एक्शन मे आ गए है. गुरुवार को दफ्तर से निकल कर श्योपुर कलेक्टर अर्पित वर्मा जिले के आधा दर्जन गांवों में सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत के साथ ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनवाड़ी के जिम्मेदारों की कार्यशैली को देखने के लिए औचक निरीक्षण पर पहुंचे.
मिड डे मील भी चखा
जहां कलेक्टर अर्पित वर्मा को अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी समय में गायब मिले तो निरीक्षण के दौरान कलेक्टर को कई जगह खामियां भी नजर आईं. जिसके बाद कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए कार्रवाई की. कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान स्कूलों की क्लास से लेकर बच्चों को समूह की ओर से दिए जाने वाले मिड डे मिल का भोजन चखते हुए गुणवत्ता की पड़ताल की.
इन पर हुआ एक्शन
कलेक्टर अर्पित वर्मा ने ड्यूटी से नदारद मिलने वाले स्वास्थ्य विभाग के दो CHO के 15-15 दिन के वेतन एक CHO के 7 दिन के वेतन काटते हुए पंचायत सचिव को सस्पेंड कर दिया. इतना ही नहीं समूह को भोजन मामले मे हटाने के साथ आदिवासी छात्रावास की अधीक्षक को लापरवाही बरतने पर हटाने की कार्ऱवाई कर दी. इस एक्शन के बाद जिले में हड़कंप मच गया.
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