मानवता शर्मसार : शिक्षक ने जंगली सियार मारा, फिर बाइक के पीछे शव को बांधकर घसीटा

भवरलाल चौधरी नामक व्यक्ति ने एक जंगली सियार को मौत के घाट उतार दिया. इतना ही नहीं उसके बाद उस सियार के शव को अपनी बाइक के पीछे बांधकर घसीटा भी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

जिले के मनासा थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव पिपलिया रावजी में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. यहां के रहने वाले भवरलाल चौधरी नामक व्यक्ति ने एक जंगली सियार को मौत के घाट उतार दिया. इतना ही नहीं उसके बाद उस सियार के शव को अपनी बाइक के पीछे बांधकर घसीटा भी.

दरसल पिपलिया रावजी गांव के रहने वाले भवरलाल चौधरी जो कि पास ही के गांव में सहायक शिक्षक पद पर पदस्थ है. अपने खेत पर कम कर रहे थे. इसी दौरान एक जंगली सियार ने उन पर हमला कर दिया और उन्हें कई जगह काट लिया. इससे आग बबूला हुए शिक्षक ने सियार की गर्दन पड़ी और उसे करीब 300 से 400 मीटर दूर  अरनिया मामा देव रोड तक लाये. जिसके बाद उसकी हत्या कर दी.

इस दौरान शिक्षक ने वहाँ मौजूद किसी व्यक्ति को सियार को मारने के लिए कहा पर उसने नही मारा. हालाकि अरनिया मामा देव रोड पर कुछ लोगों की मदद से उसने सियार को पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया. जब इतने से भी शिक्षक का मन नही भरा तो उसे सियार के शव को अपनी बाइक के पीछे रस्सी से बांधकर घसीटते हुए शव के साथ मनासा के शासकीय चिकित्सालय पहुंचा. जहां उसने अपना इलाज करवाया. इस दौरान उसने चर्चा में पूरा घटनाक्रम चिकित्सक व अन्य लोगो को बताया.

वहीं जिन्होंने भी इस तरह एक सियार के शव को घसीटते हुए देखता वे हैरत में पड़ गए. हैरानी की बात यह है कि शिक्षा के मंदिर में दूसरों को ज्ञान बांटने वाले एक शिक्षक ने दूसरे बेजुबान की जान कि कीमत नही समझी और हत्या कर दी. हद तो तब हो गई जब हत्या के बाद उसे शव को घसीटते हुए अपने गांव से मनासा तक ले गया. वही सियार केशव और इस तरह की वारदात को देखने अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा हो गई.

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 मामला मे एसडीओ फॉरेस्ट आर आर परमार ने दूरभाष पर चर्चा में बताया कि मामला संज्ञान में आ चुका है. यदि किसी ने अपराध किया गया है, तो सम्बंधित पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम की धारा के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. मामले की हर पहलू से जांच कर रहे हैं.

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