RTO Constable Saurabh Sharma Case: आरटीओ के पूर्व आरक्षक (Ex RTO Constable) धन कुबेर सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) भले ही अभी ईडी (ED) की गिरफ्त से बाहर है, लेकिन उसके संपर्क वालों की घेराबंदी जारी है. भोपाल में इंद्रपुरी स्थित नवोदय हॉस्पिटल समेत 4 ठिकाने जबकि ग्वालियर में मुरार स्थित सीपी कॉलोनी समेत 4 जगहों पर छापे मारे गए हैं. ग्वालियर (Gwalior ED Raid) में मुरार स्थित सीपी कॉलोनी में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापा मारा है. कार्रवाई पूर्व रजिस्ट्रार केके अरोरा के घर पर की गई है. अरोरा आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े और नजदीकी बताए जा रहे हैं. यह भी बताया जा रहा है कि विनय हासवानी ने बेनामी रजिस्ट्रियां इनके सहयोग से ही की हैं. पता चला है कि अरोरा पिछले 15 दिन से ग्वालियर में अपने घर पर नहीं हैं. वे अपने पुत्र के पास बेंगलुरु में हैं. वहीं इस मामले में भोपाल के चार ठिकानों पर कार्रवाई जारी है. नवोदय कैंसर अस्पताल में निवेश की जानकारी पर पहुंची है ईडी टीम. सौरभ शर्मा के करीबी और दूसरे अन्य लोगों ने बड़े पैमाने पर किया है नवोदय कैंसर अस्पताल में निवेश.
जांच में क्या मिला?
बताया गया कि ईडी की टीम (ED Team) सुबह लगभग 5 बजे अरोरा के सीपी कॉलोनी मुरार स्थित घर पहुंची. वहां अरोरा नहीं मिले, लेकिन वहां से कई दस्तावेज मिले हैं. फिलहाल ईडी के अफसर अरोरा के घर से मिले दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पंजीयन विभाग के रिटायर सब रजिस्ट्रार अरोरा, विनय हासवानी के बिजनेस पार्टनर हैं. भोपाल के मेंडोरी स्थित विनय हासवानी के फार्म हाउस से ही 54 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश से लदी कार मिली थी. वह सौरभ शर्मा के मौसा, पूर्व डीएसपी मुनीश राजोरिया का दामाद है.
ऐसा था 'धनकुबेर' का कारोबार!
सौरभ ने महज 12 साल की नौकरी में प्रदेशभर में करोड़ों की अवैध कमाई से जमीनों और कारोबार का साम्राज्य खड़ा कर लिया. परिवहन महकमें से नौकरी छोड़ने से पहले ही वह रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ गया था. मूल रूप से ग्वालियर निवासी सौरभ को अपने डॉक्टर पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. महज कुछ साल की नौकरी में ही उसका रहन-सहन बदल गया था. इसकी शिकायत परिवहन विभाग सहित अन्य जांच एजेंसियों पर की जाने लगीं तो सौरभ ने वीआरएस लेने ले लिया. इसके बाद भोपाल के कई नामचीन बिल्डरों के साथ प्रॉपर्टी में इन्वेस्टमेंट करने लगा.
करोड़ों की संपत्ति का हुआ था खुलासा
कुछ समय पहले लोकायुक्त ने उसके यहां रेड करके करोड़ों की संपत्ति का खुलासा किया फिर इस मामले में ईडी की भी एंट्री हुई. सूत्रों का दावा है कि विनय हासवानी ही बीते 19 दिसंबर 2024 को इनोवा कार को चार से पांच गाड़ियों के काफिले के साथ दो बार मेंडोरी ले गया था. इसके बाद उसके लोग इस कार को लगातार वॉच कर रहे थे. बाद में इस कार को पुलिस ने जब्त किया. इसमें नकदी के साथ-साथ 54 किलो सोना जब्त किया गया था. जिस जगह पर यह गाड़ी जब्त की गई, वहां सिर्फ 3 फॉर्म हाउस हैं. उससे आगे जाने का कोई रास्ता भी नहीं है.
जबलपुर में रिश्तेदारों के यहां भी मारी थी रेड
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल की टीम ने जबलपुर में सौरभ शर्मा के जीजा रोहित तिवारी के ठिकाने पर दबिश दी थी. ईडी भोपाल में सौरभ के सहयोगी शरद जायसवाल और ग्वालियर में चेतन सिंह गौर के घर-दफ्तर पर छापेमारी कर 23 करोड़ रुपए की चल अचल संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त कर चुकी है. ईडी मामले की जांच आयकर विभाग की जांच से अलग हटकर कर रही है.
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