उर्दू की जगह संस्कृति पढ़ने का फरमान, स्कूल के पोर्टल से अचानक गायब हुआ उर्दू विषय, जानिए क्या है पूरा मामला?

Rewa School Removed Urdu Subject From School Syllabus:दरअसल, रीवा स्थित सुदर्शन कुमारी पाठशाला में उर्दू शिक्षक का अचानक ट्रांसफर कर दिया गया. उर्दू शिक्षक की गैर-मौजूदगी में स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में स्कूल पोर्टल से उर्दू विषय को ही हटा दिया, इससे उर्दू पढ़ रही 125 छात्राएं संस्कृति पढ़ने के लिए बाध्य होना पड़ा हैं.  

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Rewa School Removed Urdu: मध्य प्रदेश के रीवा शहर के एक पुराने और प्रतिष्ठित कन्या स्कूल में उर्दू विषय पढ़ने वाली 125 लड़कियों का भविष्य अचानक अधर में आ गया है, क्योंकि पिछले 26 सालों से उर्दू विषय पढ़ा रहे स्कूल ने अचानक उर्दू विषय को पाठ्यक्रम से हटा दिया है और छात्रों को उर्दू की जगह अब संस्कृति पढ़ने को बाध्य हो गईं है.

दरअसल, रीवा स्थित सुदर्शन कुमारी पाठशाला में उर्दू शिक्षक का अचानक ट्रांसफर कर दिया गया. उर्दू शिक्षक की गैर-मौजूदगी में स्कूल प्रबंधन ने आनन-फानन में स्कूल पोर्टल से उर्दू विषय को ही हटा दिया, इससे उर्दू पढ़ रही 125 छात्राएं संस्कृति पढ़ने के लिए बाध्य होना पड़ा हैं.  

शिक्षक की गैर-मौजूदगी में स्कूल प्रबंधन ने पोर्टल से हटाया उर्दू विषय

रिपोर्ट के मुताबिक मामला स्कूल शिक्षा विभाग की लापरवाही से जुड़ा है. रीवा स्थित सुदर्शन कुमारी पाठशाला में पिछले 26 सालों से छात्र उर्दू पढ़ रहे हैं, लेकिन विभाग ने अचानक स्कूल में उर्दू पढ़ा रहे शिक्षक को अतिशेष में स्थानांतरण करवा दिया. स्कूल प्रबंधन ने सुर में सुर मिलाते हुए उर्दू शिक्षक की गैर मौजूदगी में स्कूल पोर्टल से उर्दू विषय.को हटवा दिया.

वर्तमान में सुदर्शन कुमारी पाठशाला में 125 लड़कियां पढ़ रहीं थी उर्दू 

गौरतबब है रीवा सुदर्शन कुमारी पाठशाला में पिछले 26 सालों से उर्दू विषय पढ़ाया जा रहा था उर्दू. वर्तमान में जब स्कूल पाठ्यक्रम से उर्दू विषय को हटाया गया है, उस वक्त भी 125 लड़कियां उर्दू विषय पढ़ रहीं थी, लेकिन अब उनका भविष्य अंधरे में चला गया है. अब उन्हें उर्दू की जगह संस्कृति विषय को पढ़ने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है. 

जिला कलेक्टर ने दिया निर्देश, स्कूल पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी

रीवा शहर का सर्वाधिक प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल में से एक सुदर्शन कुमारी पाठशाला में उर्दू विषय को हटाने के मुद्दे पर एनडीटीवी ने कलेक्टर रीवा और जिला शिक्षा अधिकारी से बात की, तो मामले को संज्ञान में लिया और कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी सीधे स्कूल पहुंच गए और स्कूल प्रबंधन से मामले पर पूछताछ की.

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स्कूल प्रबंधन के फैसले से भविष्य को लेकर चिंतित छात्राओं ने बताया कि जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला, उन्होंने रीवा कलेक्टर से मामले की सूचना दी. उनका कहना है, हमने पूरी पढ़ाई उर्दू से की है. सरकार बताए कि अचानक उर्दू टीचर का ट्रांसफर क्यों किया गया?

सुदर्शन कुमारी पाठशाला में 26 सालों से पाठ्यक्रम का हिस्सा था उर्दू 

उल्लेखनीय है शहर में सर्वाधिक प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार सुदर्शन कुमारी पाठशाला किसी जमाने में रीवा के सारे प्रतिष्ठित परिवार के लोग अपने बच्चों को पढ़ाते थे. अपने उच्च दर्जे की शिक्षा के लिए मशहूर स्कूल में एडमिशन को लेकर खूब मारामारी होती है, जहां पिछले  26 सालों से उर्दू विषय पाठ्यक्रम का हिस्सा था और बाकायदा शिक्षक तैनात रहता था.

उर्दू शिक्षक को दूसरे स्कूल में ट्रांसफर कर लैब टेक्नीशियन बना दिया

रिपोर्ट कहती है कि सुदर्शन कुमारी पाठशाला में कई शिक्षकों को सितंबर महीने के पहले हफ्ते में आनन-फानन में स्थानांतरण कर दिया गया. बताया जाता है कि सुदर्शन कुमारा पाठशाला के उर्दू शिक्षक को स्थानांतरित कर किसी दूसरे स्कूल में लैब टेक्नीशियन बना दिया गया, तो दूसरे को ऐसे स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां केवल दो टीचर है.

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आखिर बिना नए शिक्षक को तैनात किए क्यों हुआ उर्दू टीचर का ट्रांसफर

रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दिनों रीवा में काउंसलिंग हो रही थी, उस दौरान पोर्टल में सुदर्शन कुमारी स्कूल का नाम उर्दू में दिखाई नहीं पड़ा. जिसकी वजह उर्दू के टीचरों का स्थानांतरण दिया गया था. सुदर्शन कुमारी कन्या पाठशाला में लगभग 125 छात्राएं हैं. इनमें क्लास 6 में 21, क्लास 7 में 35, क्लास 8 में 35, क्लास 9 में 24, क्लास 10 में 10 लड़कियां है.

मामले पर जिला कलेक्टर रीवा प्रतिभा पाल ने मुद्दे को गंभीर बताते हुए कहा कि मामले की जांच के बाद दोषियों पर नियमानुसार कार्यवाही होगी. कलेक्टर ने आश्वस्त किया है कि छात्राओं का नुकसान नहीं होगा. उन्होंने तत्काल ही जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल जाने के लिए निर्देशित किया.

उर्दू शिक्षक की गैर-मौजूदगी में छात्राएं संस्कृत विषय पढ़ने के लिए बाध्य

स्कूल में उर्दू विषय पढ़ रही छात्राओ को अब उर्दू की जगह संस्कृत विषय पढ़ना पड़ेगा, क्योंकि ऐच्छिक विषय के रूप में हिंदी के अलावा उर्दू और संस्कृति ही विकल्प है.अब जब परीक्षा सिर पर ऐसे में उर्दू छोड़कर संस्कृति विषय की तैयारी को लेकर छात्राएं असमंजस में हैं.  जिसके चलते छात्राओ को अपना निकट भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है.. 

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 शिक्षा अधिकारी ने किया आश्वस्त, बोले छात्राएं संस्कृति नहीं, उर्दू ही पढ़ेंगी

जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने एनडीटीवी से बाचतीत में बताया कि, छात्राओं का भविष्य खराब नहीं होगा, वो सुदर्शन कुमारी पाठशाला में संस्कृत नहीं, उर्दू ही पढेंगी. उन्होंने बताया कि स्कूल पहुंच कर बच्चों को अवगत करवा दिया है कि छात्राओं को डरने की जरूरत नहीं है. हालांकि उर्दू शिक्षक के स्थानांतरण में बरती गई लापरवाही पर कुछ नहीं कहा.

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