MP E-Attendance System Issue: मध्य प्रदेश के रीवा के शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार विभाग ने तीन ऐसे शिक्षकों को नोटिस थमा दिया, जो कब के इस दुनिया से जा चुके हैं. नोटिस में ई-अटेंडेंस में अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण मांगा गया. नोटिस में यहां तक लिखा कि जवाब नहीं दिया तो वेतन काट लिया जाएगा. यह घटना बताती है कि विभाग के रिकॉर्ड कितने अस्त-व्यस्त हैं.
मृत शिक्षकों को मिला नोटिस
रीवा जिला शिक्षा विभाग ने हाल ही में ई-अटेंडेंस न लगाने पर करीब 1500 शिक्षकों को नोटिस भेजा. इन्हीं में तीन ऐसे शिक्षक भी शामिल हैं, जिनका निधन काफी पहले हो चुका है. बावजूद इसके, विभाग ने उन्हें जिंदा मानते हुए हाजिरी न लगाने पर नोटिस जारी कर दिया और तीन दिन में जवाब देने को कहा.
रिकॉर्ड में मौजूद है मृत शिक्षकों का नाम
नोटिस पाने वाले मृत शिक्षकों में शिक्षक देवतादीन कोल, जिनका निधन 2023 में हुआ था, वहीं शिक्षक छोटेलाल साकेत और रामगरीब दीपांकर का निधन 2025 में हो चुका था. इसके बावजूद विभाग के रिकॉर्ड में उनके नाम आज भी सक्रिय शिक्षक की तरह दर्ज हैं. सवाल उठता है कि अगर वे “अनुपस्थित” दिख रहे थे, तो क्या उन्हें मृत होने के बाद भी वेतन दिया जा रहा था?
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ई-अटेंडेंस प्रणाली में खुलीं खामियां
प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों में ई-अटेंडेंस प्रणाली कई महीनों से लागू है. जो शिक्षक ऐप पर हाजिरी नहीं लगा रहे थे, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे थे. इसी प्रक्रिया में विभाग की चूक खुलकर सामने आ गई. मृत शिक्षकों को नोटिस भेजा जाना इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि सिस्टम अपडेट ही नहीं किया गया.
अधिकारियों ने दी ये सफाई
मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. जिला शिक्षा अधिकारी ने इसे "विभागीय त्रुटि" बताते हुए जिम्मेदारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर डाल दी. अधिकारी का कहना है कि रिकॉर्ड ठीक से अपडेट न होने की वजह से गलती हुई है और इसे जल्द सुधारा जाएगा.
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सवालों में घिरा शिक्षा विभाग
यह घटना सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग के कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है. एक ओर विभाग दावा करता है कि डिजिटल सिस्टम से सब कुछ पारदर्शी हो रहा है, वहीं दूसरी ओर मृत शिक्षकों तक को नोटिस भेज देना साबित करता है कि रिकॉर्ड अपडेट करने की जिम्मेदारी किसी ने गंभीरता से नहीं ली.