APSU के 1000 से ज्यादा स्टूडेंट्स के हिंदी और अंग्रेजी में आए जीरो नंबर, परिणाम देखकर भड़की छात्राएं

APSU B.A, B.Sc and B.Com second year Result : अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से बड़ी खबर है. विवि से संबंधित इंदिरा कन्या कॉलेज सहित अन्य महाविद्यालयों में बीए, बीकॉम और बीएससी द्वितीय वर्ष का परिणाम घोषित किया गया पर एक हजार से अधिक छात्राओं का कई विषयों का ऑनलाइन परिणाम शून्य कर दिया गया. इस बात को लेकर छात्राओं में गुस्सा है.

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APSU के बीए, बीएससी और बीकॉम के रिजल्ट को लेकर उठे सवाल, ABVP ने किया प्रदर्शन.

Avadhesh Pratap Singh University News : अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा ने विगत दिनों बीए, बी कॉम और बीएससी द्वितीय वर्ष का परिणाम घोषित किया. इस दौरान करीब एक हजार से अधिक छात्राओं का कई विषयों का ऑनलाइन परिणाम शून्य कर दिया गया. ऐसे में विवि के द्वारा कराए जा रहे मूल्यांकन पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं बल्कि हर परिणाम के बाद ऐसी स्थितियों से छात्राओं को गुजरना पड़ता है. सोमवार को जैसे ही कॉलेज का गेट खुला छात्राएं भड़क गईं.इंदिरा कन्या कॉलेज सहित अन्य महाविद्यालयों में ऐसी ही स्थिति है.

कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही

नाराज छात्राओं ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में विरोध जातते हुए प्राचार्य इंदिरा कन्या कॉलेज सतना को ज्ञापन सौंपा. छात्राओं का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही से यह स्थिति निर्मित हुई है.बताया जाता है कि बीए, बीएससी और बीकॉम में करीब ढाई हजार छात्राएं पढ़ाई करती हैं.

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हिंदी और अंग्रेजी जीरो-जीरो नंबर कैसे आए? 

प्रथम वर्ष की परीक्षा देने वाली छात्राओं का परिणाम जैसे ही घोषित हुआ वे दंग रह गईं. छात्राओं का तर्क है कि जब उन्होंने बोर्ड की परीक्षाओं में बेहतर परिणाम दिया तो क्या उनकी इतनी दयनीय स्थिति हो सकती है कि उन्हें हिंदी और अंग्रेजी जीरो-जीरो नंबर मिलें. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले की जांच कराई जाए और ऐसी घटिया हरकत करने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए.

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एजेंसी जांच रही कॉपियां

उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो एपीएस रीवा के द्वारा भोपाल की किसी एजेंसी से कॉपियों की जांच कराई जा रही है. यह काम ठेके पर दिया गया या फिर किसी नियम के तहत यह किया गया यह स्पष्ट नहीं हो पाया। इस संबंध में जानकारी के लिए कुलसचिव डॉ सुरेन्द्र सिंह चौहान और परीक्षा नियंत्रक डॉ सोनी से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन किन्हीं कारणों से बात नहीं हो सकी.

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कहीं धंधा तो नहीं !

छात्राओं का कहना है कि कॉलेज और विवि प्रबंधन ने इसे अपनी कमाई की धंधा बना लिया है. फिर परीक्षा के लिए निर्धारित शुल्क ली जाती है. ऐसे में यह शुल्क विवि के खाते में जाती है और उन्हें इसके जरिये अतिरिक्त आय होती है. बताया जाता है कि यह स्थिति अकेले इंदिरा कन्या कॉलेज की नहीं है बल्कि अन्य  शासकीय कॉलेजों के भी ऐसे ही हाल हैं. नागौद के जलद त्रिमूर्ति के भी ऐसे ही हाल हैं.

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एबीवीपी ने दिया ज्ञापन

इंदिरा कन्या महाविद्यालय के द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम को लेकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई. कार्यकर्ताओं का कहना है कि कन्या महाविद्यालय में लगातार समस्याएं बहनों को बनी रहती हैं. बहुत सी छात्रा दूर- दराज से पढ़ने आती हैं और अपनी समस्याओं को लेकर इधर-उधर भटकती रहती हैं. वर्तमान में  द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम को लेकर सोमवार को शिवेन्द्र चतुर्वेदी के नेतृत्व में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य को अवगत कराते हुए कहा कि जल्द ही परीक्षा परिणाम यदि नहीं सुधारा जाता है, तो अभाविप द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसका जिम्मेदार कॉलेज प्रशासन होगा. महाविद्यालय में पढ़ने वाली प्रत्येक छात्रा APSU रीवा जाती है, और वहां भी वह भटकती रहती है. अगर  कॉलेज की समस्याओं का समाधान करना होता है तो विश्वविद्यालय में भी उन्हें भटकना पड़ता है.

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