रतलाम मेडिकल कॉलेज बन रहा है नवजात बच्चों के लिए काल, अक्टूबर से लेकर जनवरी तक हो चुकी है 81 नवजात बच्चों की मौत!

डॉक्टर देवेंद्र नरगावे ने हमे बताया कि नवजात शिशुओं कि मौत कि सबसे बड़ी वजह मानव संसाधनों की कमी है, जिस हिसाब से पेशेंट भर्ती है उस हिसाब से स्टॉफ होना चाहिए जबकि ऐसा है नहीं.

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नवजात बच्चों के काल बन रहा है रतलाम मेडिकल कॉलेज

Madhya Pradesh News: रतलाम मेडिकल कॉलेज से चौकाने वाली खबर सामने आ रही है. इस मेडिकल कॉलेज में 2023 में अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक कुल 71 नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई है और यह सिलसिला अभी भी जारी है. अभी साल 2024 के जनवरी महीने में ही अब तक 10 नवजात शिशुओं की जान जा चुकी है. यानी अक्टूबर से लेकर अब तक यहां 81 नवजात बच्चों की मौत हो चुकी है.

सात बेड पर है केवल एक नर्स

एनडीटीवी को डॉ देवेंद्र नरगावे ( अशोशिएट प्रोफेसर शिशु रोग विभाग ) ने एक्सक्लुसिव बातचीत में बताया कि मेडिकल कॉलेज में स्टॉफ की कमी है. हर 3 बेड पर एक नर्सिंग स्टॉफ होना चाहिए मगर वर्तमान में 7 बेड पर एक नर्स ही है. गाइड लाइन के हिसाब से 24x7 अस्पताल में 4 डॉक्टर होने चाहिए लेकिन वर्तमान में महज एक ही डॉक्टर हैं.

डॉक्टर देवेंद्र नरगावे ने हमे बताया कि नवजात शिशुओं कि मौत कि सबसे बड़ी वजह मानव संसाधनों की कमी है, जिस हिसाब से पेशेंट भर्ती है उस हिसाब से स्टॉफ होना चाहिए जबकि ऐसा है नहीं.

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सीरीयस कंडीशन में आने वाले बच्चों की हो जाती है डेथ

इस कॉलेज के डॉक्टरों ने बताया कि आसपास के इलाकों से आने वाली महिलाएं कुपोषित होती हैं, बाहर से आने वाली महिलाओं को डाइट नही मिल पाती है. स्टॉफ की कमी से लोगों को काफी समस्या हो रही है. जितना स्टॉफ होना चाहिए उतना स्टॉफ है नहीं. बताया जा रहा है कि जरूरत के हिसाब से केवल 50% प्रतिशत ही स्टॉफ यहां पर है. बताया जा रहा है इस कारण जो भी बच्चे सीरीयस कंडीशन में आते हैं उनमें से अधिकतर बच्चों की डेथ 24 घंटे के भीतर हो जाती है. 

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