Ratan Tata Love Story - मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के व्यावसायिक कौशल का लोहा सभी मानते हैं. वहीं समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने के लिए भी वे सराहे जाते रहे. लेकिन उनके निजी जीवन का एक पहलू भी अक्सर चर्चा का विषय रहा है और वह है उनका अविवाहित रहने का फैसला. उन्होंने शादी नहीं करने का इरादा क्यों किया? कैसे रतन टाटा की ये कहानी फिल्म अभिनेता सलमान खान (Salman Khan) से मेल खाती है? दरअसल, सलमान खान की पहली प्रेम कहानी अपने अंजाम तक नहीं पहुंची थी और वे आज तक कुंवारे हैं. वैसी ही घटना टाटा के जीवन में भी घटित हुई.
साल 1937 में 28 दिसंबर को रतन टाटा का जन्म पारसी परिवार में हुआ था. उनके दादा जमशेदजी टाटा ने टाटा ग्रुप की बुनियाद रखी थी, जिसे रतन टाटा बुलंदी तक ले गए.
रतन टाटा की आरंभिक शिक्षा मुंबई में हुई. इसके बाद वो अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने आर्किटेक्चर की पढ़ाई पूरी की. फिर मैनेजमेंट के अध्ययन के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल का रुख किया. साल 1962 में रतन टाटा ने टाटा ग्रुप में काम करना शुरू किया. बाद में, वह टाटा ग्रुप में अहम भूमिका निभाने लगे. साल 1991 में उन्होंने टाटा समूह के अध्यक्ष का पद संभाला और अपनी अगुवाई में कई उल्लेखनीय प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक लागू किया.
मशहूर शख्सियत, नामी परिवार, अथाह पैसा फिर भी अविवाहित?
नामी परिवार, देश की मशहूर शख्सियत, अथाह पैसा फिर भी रतन टाटा अविवाहित रहे तो आखिर इसकी वजह क्या है? इससे जुड़े सवाल अक्सर पूछे जाते रहे. तो हकीकत ये है कि रतन टाटा को भी प्यार हुआ था. एक बार नहीं बल्कि चार बार. लॉस एंजिल्स में मिली लड़की से तो बात शादी तक पहुंच गई थी लेकिन वो हो न सका और प्यार अपने अंजाम तक पहुंचा.
एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने खुद बताया था कि लॉस एंजिल्स स्थित एक आर्किटेक्चर फर्म में काम करने के दौरान एक लड़की से वह मिले और देखते ही देखते उन्हें प्यार हो गया. उस लड़की के साथ विवाह करके टाटा सेटल होना चाहते थे, लेकिन इसी बीच उन्हें अपनी बीमार दादी की देखभाल के लिए भारत लौटना पड़ा और फिर वह वहां वापस नहीं जा सके.
इस दौरान सोचा कि वो लड़की भारत आ जाए लेकिन तभी भारत-चीन के बीच युद्ध शुरू हो गया और उस प्रेमिका के माता पिता ने भारत नहीं भेजा. नतीजतन रिश्ता टूट गया. ऐसा टूटा कि फिर कभी जुड़ नहीं पाया.
सिमी ग्रेवाल के साथ भी जुड़ा नाम
टाटा का नाम सिमी ग्रेवाल संग भी जुड़ा. दरअसल, सिमी के टॉक शो में टाटा ने ऐसा ही कुछ कहा भी था. उन्होंने बताया था कि कैसे वह एक बार उनके साथ समुद्र तट पर टहल रहे थे और उस पल की शांति ने उन्हें काम से जुड़ी चींताओं से मुक्त कर दिया था. खुद ग्रेवाल ने भी एक मीडिया समूह से अपने रिश्तों का खुलासा किया था.
समाज को दी प्राथमिकता
रतन टाटा ने जहां उद्योग जगत में तहलका मचाए रखा, वहीं समाज सेवा को उन्होंने अपने जीवन में प्राथमिकता दी. टाटा ट्रस्ट के जरिए से शिक्षा, स्वास्थ्य, और ग्रामीण विकास में योगदान जारी रखा. उनकी जिंदगी का एक अहम हिस्सा यह है कि उन्होंने व्यक्तिगत संबंधों की बजाय अपने व्यवसाय और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को अहमीयत दी. उनका मानना था कि व्यक्तिगत रिश्तों से ज्यादा महत्वपूर्ण है समाज की सेवा करना.
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