Ratan Tata's Gwalior Memoir: उद्योगपति और समाजसेवी रतन टाटा अब इस दुनिया में नही रहे. बुधवार देर रात उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. उनके निधन से एक ओर जहां पूरा देश गमगीन है, तो दूसरी ओर ग्वालियर में मातम सा छा गया है. ग्वालियर के सिंधिया स्कूल में छात्रों के साथ बिताए दिन को याद कर युवा भावुक हो गए.
सिंधिया स्कूल प्रबंधन से जुड़े केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिवंगत रतन टाटा को याद करते हुए साल 2016 की तस्वीरें एक्स पर साझा की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, एक युग का अंत! श्री रतन टाटा ने नेतृत्व में एक नया प्रतिमान स्थापित किया, जिसमें ईमानदारी और करुणा के मूल्यों को अपनाया गया.
केंद्रीय मंत्री ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए शेयर की ग्वालियर यात्रा की तस्वीरें
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने उद्योगपति रतन टाटा श्रद्धांजलि देते हुए आगे लिखा, वास्तव में रतन टाटा ने व्यवसाय की दुनिया और बड़े पैमाने पर समाज में एक अमिट छाप छोड़ी है. आपको जानना सम्मान की बात थी. सिंधिया ने लिखा, उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. शांति से आराम करो, टाइटन!
होटल ताज उषा किरण पैलेस से तय समय पर सिंधिया स्कूल पहुंचे थे रतन टाटा
गौरतलब है गत 21 अक्टूवर 2016 को रतन टाटा चार्टर प्लेन से ग्वालियर पहुंचे थे. एयरपोर्ट पर सिंधिया और तत्कालीन मेयर विवेक नारायण शेजवलकर ने उनका भव्य स्वागत किया था. यहां से वे पहले विश्राम के लिए ताज उषा किरण पैलेस होटल गए और बाद में तय कार्यक्रम के अनुसार सिंधिया स्कूल पहुंचे.
छात्रों से वन-टू-वन मिले उद्योगपति रतन टाटा, युवाओं को सुनाए संस्मरण
सिंधिया स्कूल में उद्योगपति रतन टाटा ने छात्रों की प्रदर्शनी को देखा. इस दौरान वे छात्रों से वन-टू-वन मिले और उनके मॉडल आदि की जानकारी ली. इस दौरान छात्रों की सराहना करते हुए उनके प्रयासों को बेहतरीन बताया था. सिंधिया स्कूल में आयोजित स्थापना दिवस में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए रतन टाटा ने छात्रों को अपने जीवन के संस्मरण सुनाए थे.
रतन टाटा को रोल मॉडल बताते हुए छात्र सेल्फी खिंचवाना चाहते थे, लेकिन
सिंधिया स्कूल पहुंचे उद्योगपति को निहारने और बातचीत के लिए उतावले छात्रों में बेकरारी देखते ही बन रही थी. यहां तक कि छात्रों के पैरेंट्स भी उससे मिलने के लिए उत्साहित थे. उन्हें रोल मॉडल बताते हुए छात्र रतन टाटा के सेल्फी खिंचवाना चाहते थे. हालांकि स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से छात्रों को सेल्फी की अधूरी रह गई थी.
रतन टाटा को यादकर भावुक हो गए पूर्व ग्वालियर मेयर विवेक शेजवलकर
साल 2016 में ग्वालियर यात्रा पर आए रतन टाटा की अगवानी करने वाले तत्कालीन मेयर और पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर कहते हैं कि वह मुलाकात भले ही संक्षिप्त थी, लेकिन छाप छोड़ने वाली थी. उनकी सहजता, गर्मजोशी और मुस्कान अलहदा था. उनमें संतोष और स्नेह दोनों था.
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