राज्य स्तरीय टीम शुक्रवार को जांच के लिए इंदौर के एमवाई अस्पताल (Maharaja Yashwantrao Hospital) पहुंची. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी एमवाय अस्पताल पहुंचे और PICU वार्ड में डीन अरविंद घनघोरिया व अधीक्षक डॉ. अशोक यादव के साथ निरीक्षण किया. तरुण राठी ने अधीक्षक से पूरी घटना की जानकारी ली. बता दें कि अस्पताल में चूहा काटने के बाद 2 नवजातों की मौत हो चुकी है. इससे पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं, अब तक विभाग के 7 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है.
डीन और अधीक्षक से मांगा स्पष्टीकरण
वहीं, डीन अरविंद घनघोरिया और अधीक्षक डॉ. अशोक यादव से भी घटना पर स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी ने अस्पताल प्रशासन पर सख्ती दिखाई और गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उन्हें जांच कमेटी के सामने बुलाया गया. कमेटी 2 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देगी. आयुक्त ने बताया कि 2 दिन की समय सीमा दी गई है 2 दिन के अंदर कमेटी अपनी जांच प्रस्तुत करेगी और जो भी लोग इसमें दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
चूहों से नहीं होता इन्फेक्शन
NICU इंचार्ज डॉक्टर बृजेश लाहोटी ने बताया कि इस बात को भी माना है कि एमवाई अस्पताल के अंदर चूहे हैं, उन्होंने कहा कि कई बार चूहे ड्यूटी के दौरान हमें भी काट लेते हैं. चूहों से किसी प्रकार का कोई इंफेक्शन नहीं होता है. बच्चों की मौत गंभीर बीमारी के कारण हुई है. बच्चों की आंख पूरी तरह से खराब हो गई थी, जिसे काट कर बाईपास कर दिया गया था.
दोनों ही बच्चों को क्रिटिक्स प्रॉब्लम थी. इस तरीके के बच्चे अस्पताल में और भी आते हैं, लेकिन किसी भी बच्चे की चूहे के काटने से मौत नहीं हो सकती. इन बच्चों को अगर बचाया भी जा सकता तो इन बच्चों का विश्व के किसी भी अस्पताल में इलाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह जीवित नहीं रह पाते हैं.
जीतू पटवारी ने साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को एमवाई हॉस्पिटल का दौरा किया. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि चूहों ने नवजातों की 3 उंगलिया आधी-आधी कुतर दी थीं. अस्पताल प्रबंधन ने अलग जानकारी दी. पोस्टमार्टम की कोई वीडियोग्राफी नहीं हुई जो अपने आप में गुनाह है. इसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता.
सरकार पेस्ट कंट्रोल के लिए लगभग 50 हजार खर्च करती है. ताकि पहले हुई घटनाएं दोहराई न जाएं.
25 साल की सरकार का चेहरा सामने आ गया है. स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार से भरा है. कल मुख्यमंत्री इंदौर में थे और पूरे देश की मीडिया चूहों को दिखा रही थी, लेकिन CM ने इसे संज्ञान में नहीं लिया.