रमेश सिप्पी ने सुनाया धर्मेंद्र का यादगार किस्सा, रात 3 बजे 40-50 KM पैदल ही क्यों निकल पड़े थे ‘वीरू’?

Ramesh Sippy on Dharmendra: फिल्म शोले के निर्देशक रमेश सिप्पी ने धर्मेंद्र से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे धर्मेंद्र एक रात 3 बजे 40-50 किलोमीटर पैदल चल पड़े थे. 50 साल बाद दोबारा रिलीज हुई शोले को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है.

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Ramesh Sippy on Dharmendra: रमेश सिप्पी बॉलीवुड का वह नाम है, जिन्होंने अमिताभ बच्चन से लेकर धर्मेंद्र तक को अपनी फिल्मों में कास्ट किया. रमेश सिप्पी ने सुपरहिट फिल्म शोले बनाई थी, जिसने आज से करीब 50 साल पहले बॉक्स ऑफिस पर सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. 

अब रमेश सिप्पी की फिल्म शोले एक बार फिर से सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, जहां दर्शक बड़े पर्दे पर इस क्लासिक फिल्म का आनंद उठा सकते हैं. हाल ही में रमेश सिप्पी ने NDTV की भोपाल टीम से बातचीत की और शोले से जुड़ी कई पुरानी यादें साझा कीं.

50 साल बाद फिर से रिलीज हुई ‘शोले'

रमेश सिप्पी ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि 50 साल बाद भी लोग शोले को सिनेमाघरों में देखने के लिए उत्साहित हैं. आज के दौर में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के होने के बावजूद दर्शक सिनेमाघर जाकर शोले देख रहे हैं, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है.

‘धर्मेंद्र की कमी महसूस होगी'

रमेश सिप्पी ने कहा कि धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं हैं. जब दर्शक उन्हें स्क्रीन पर देखेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें बहुत याद करेंगे. लेकिन उनकी मौजूदगी इस किरदार के जरिए फिर से जीवंत हो जाती है. वह आज भी अपने किरदारों के माध्यम से दर्शकों के साथ हैं. उन्होंने बताया कि शोले को दोबारा रिलीज करने का विचार काफी समय से चल रहा था.

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जय-वीरू की जोड़ी पर क्या कहा?

डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने कहा कि उस वक्त उन्हें पूरा भरोसा था कि जय और वीरू की यह जोड़ी कमाल करेगी. इसके बाद उन्होंने और सलीम-जावेद ने मिलकर यह फैसला किया कि इन किरदारों के लिए अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र ही सबसे उपयुक्त हैं. उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआत में डैनी को गब्बर सिंह का किरदार ऑफर किया गया था, लेकिन वे किसी अन्य प्रोजेक्ट में व्यस्त हो गए. इसके बाद अमजद खान को यह रोल दिया गया, जिसने इतिहास रच दिया.

धर्मेंद्र का यादगार किस्सा

रमेश सिप्पी ने धर्मेंद्र से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया. उन्होंने बताया कि एक दिन धर्मेंद्र रात करीब 3 बजे घर से निकल पड़े और लगातार 40-50 किलोमीटर तक पैदल चलते रहे. उनका उद्देश्य था कि उस दिन वह लंबी दूरी पैदल चलकर ही पूरी करेंगे.

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यह देखकर सभी हैरान रह गए. जब रास्ते में उनसे बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि आज उन्हें पैदल ही चलना है. गंतव्य पर पहुंचने के बाद उन्होंने केवल 15-20 मिनट आराम किया और फिर अपने काम में लग गए. रमेश सिप्पी के अनुसार, धर्मेंद्र बेहद जिंदादिल और शरारती मिजाज के इंसान थे.