Ramadan Calendar 2025: इस्लाम (Islam) धर्म का पवित्र महीना रमजान (Month of Ramadan) इस साल 2 मार्च से शुरू होने की संभावना है. ऐसी संभावना है कि एक मार्च यानी शनिवार की शाम को रमजान का चांद (Ramadan Moon) भारत में दिखाई देगा. अगर ऐसा होता है, तो भारत में इसी रात से तरावीह की नमाज (Namaz-E-Taraveeh ) शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही शनिवार की रात को ही पहली सेहरी होगी और दो मार्च यानी रविवार को पहला रोजा रखा जाएगा.
रमजान इस्लामी कैलेंडर का 9वां महीना है. इस महीने को इस्लाम धर्म में विशेष महत्व हासिल है. दरअसल, मुसलमानों का ऐसा विश्वास है कि इस महीने में कुरआन शरीफ आसमान से इस दुनिया में नाज़िल किया गया था. इसी महीने में लैलतुल कद्र की रात आती है, जिस रात को हजार रातों से बेहतर बताया गया है. इस रात में गुनाहों की माफी मांगने वालों और इबादत करने वालों के गुनाहों को अल्लाह माफ फरमा देते हैं. इसके अलावा, इस महीने में सभी इबादत का सवाब (पुण्य) 70 गुना ज्यादा मिलता है. लिहाजा, दुनियाभर के मुसलमान इस महीने में सिद्दत से इबादत करते हैं. पूरे महीने का रोजा रखने के बाद अगले महीने की एक तारीख यानी शव्वाल महीने की एक तारीख को ईद मनाई जाती है.
दिन में रोजा और रात में होती है तरावीह की नमाज
रमजान में सभी बालिग मुस्लिम मर्द और औरतों पर रोजा रखना फर्ज है. लिहाजा, रमजान के महीने में मुसलमान दिन में रोजा रखते हैं. यानी सूर्योदय के लगभग डेढ़ घंटा पहले से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी खाते पीते नहीं है. इसके साथ ही तमाम तरह के बुरे कामों से भी खुद को दूर रखते हैं. इसके अलावा, रात में हमेशा पढ़ी जाने वाली फर्ज नमाज के अलावा तरावीह की विशेष नमाज अदा की जाती है.
भोपाल में रोजा-अफ्तार का टाइम टेबल.
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रमजान में बड़े पैमाने पर किया जाता है दान
मुसलमानों का ऐसा विश्वास है कि रमजान के महीने में हर नेक अमल का सवाल 70 गुना ज्यादा दिया जाता है, लिहाजा, इस महीने में लोग बड़े पैमाने पर दान भी करते हैं. अमीर मुसलमानों की ओर से दिए जाने वाले जकात (पूरे साल खर्च करने के बाद बची हुई राशि का 2.5%) भी इसी महीने में दिया जाता है. आम तौर पर लोग रमजान के शुरुआती दिनों में ही जकात निकाल कर दान कर देते हैं, ताकि गरीब लोग भी रमजान के महीने में अच्छा और पौष्टिक भोजन का इंतजाम करने के साथ ही रमजान के बाद मनाई जाने वाली ईद की तैयारी भी कर सकें.