छत्तीसगढ़ में DMF-शराब घोटाला: EOW-ACB की कार्रवाई समाप्त, कई डिजिटल व डॉक्यूमेंट्री सबूत मिले

छत्तीसगढ़ में DMF और शराब घोटाले की जांच में EOW-ACB की संयुक्त रेड समाप्त हुई. रायपुर और अन्य जिलों में 19 ठिकानों पर छापेमारी में डिजिटल रिकॉर्ड, दस्तावेज और संदिग्ध लेन-देन के सबूत मिले.

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छत्तीसगढ़ में हुए दो बड़े DMF घोटाला और शराब घोटाले की जांच में अहम प्रगति हुई है. Economic Offences Wing (EOW) और Anti-Corruption Bureau (ACB) द्वारा की गई संयुक्त रेड कार्रवाई समाप्त हो गई. यह ऑपरेशन राजधानी रायपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 19 स्थानों पर एक साथ चलाया गया.

सूत्रों के अनुसार, EOW और ACB रेड के दौरान जांच अधिकारियों को कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क और कथित लेन-देन से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिले हैं. अधिकारियों का कहना है कि इन दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की तकनीकी जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर FSL विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी.

किस धाराओं के तहत कार्रवाई?

DMF घोटाले से जुड़े अपराध क्रमांक 02/2024 में धारा 7, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) और धारा 420, 120B IPC में कार्रवाई की गई है. वहीं शराब घोटाले के अपराध क्रमांक 04/2024 में धारा 7, 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 और धारा 420, 467, 468, 471, 120(B) IPC के तहत कार्रवाई हुई है.

किन पर हुई रेड?

DMF मामले में मुख्य आरोपी माने जा रहे हरपाल सिंह अरोड़ा के निजी और कारोबारी नेटवर्क से जुड़े 11 ठिकानों पर कार्रवाई की गई. वहीं शराब घोटाले से जुड़े जेल में बंद आरोपियों अनिल टुटेजा और निरंजन दास से जुड़े 8 ठिकानों पर छापे पड़े. अधिकारियों ने बताया कि जब्त सामग्री की फोरेंसिक जांच के बाद आरोपियों की भूमिका और स्पष्ट होगी तथा आगे गिरफ्तारी की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. 

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