सरकार पर प्रियंका गांधी का तीखा हमला, "नेतृत्व सिर्फ श्रेय लेने के लिए नहीं, जिम्मेदारी लेने के लिए भी होती है

Priyanka Gandhi Speech in Lok Sabha: प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की यह जिम्मेदारी नहीं बनती कि देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें? उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को नहीं पता था कि हजारों पर्यटक बैसरन घाटी जाते हैं? फिर वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी? उन्हें भगवान भरोसे क्यों छोड़ दिया गया?

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Priyanka Gandhi Speech Today: कांग्रेस (congress) नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) ने मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नेतृत्व केवल श्रेय लेने तक सीमित नहीं होता, जिम्मेदारी भी लेनी पड़ती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan War) के बीच युद्ध विराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की ओर से किया जाना देश के प्रधानमंत्री की गंभीर गैर जिम्मेदारी को दिखाता है.

ये बाते प्रियंका गांधी ने लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की ओर से पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निस्तो नाबूद करने के लिए किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान कही.  उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी के आंसुओं की बात तो की, लेकिन यह नहीं बताया कि जब दुश्मन पीछे हटने की स्थिति में था, तब अचानक युद्ध क्यों रोका गया?

युद्ध रोकने पर भी सरकार को घेरा

उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि युद्ध को अचानक रोक दिया गया और इसकी घोषणा देश के प्रधानमंत्री ने नहीं, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने की. प्रियंका गांधी ने युद्ध रोकने इस फैसले को प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और अस्थिर कूटनीति करार दिया.

बैसरन घाटी की सुरक्षा पर भी घेरा

प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की यह जिम्मेदारी नहीं बनती कि देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें? उन्होंने पूछा कि क्या सरकार को नहीं पता था कि हजारों पर्यटक बैसरन घाटी जाते हैं? फिर वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी? उन्हें भगवान भरोसे क्यों छोड़ दिया गया?

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खुफिया तंत्र पर भी उठाए सवाल

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या किसी सरकारी एजेंसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि पाकिस्तान में इतना बड़ा आतंकी हमला रचा जा रहा है?

"इतनी बड़ी नाकामी, पर कोई इस्तीफा नहीं"

प्रियंका गांधी ने साफ कहा कि यह सरकार और खुफिया एजेंसियों की बहुत बड़ी विफलता है. इसका जिम्मेदार कौन है? क्या किसी ने इस्तीफा दिया? उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार अतीत की बातें करके बचने की कोशिश कर रही है, लेकिन आज जो हो रहा है उसका जवाब कौन देगा?

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मारे गए लोगों के परिजनों को भी है सच्चाई जानने का हक

सदन में प्रियंका गांधी वाड्रा ने आतंकी हमले में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के नामों को गिनाया और कहा कि मैं 25 भारतीयों के नाम इस सदन में पढ़ना चाहती हूं, ताकि यहां बैठे हर सदस्य को यह अहसास हो कि वह भी हमारी तरह ही इंसान थे. वह किसी राजनीतिक बिसात के मोहरे नहीं थे. वह भी इस देश के सपूत थे और इस देश के शहीद हैं. उनके परिवारों के प्रति हम सबकी जवाबदेही बनती है. उन्हें भी सच्चाई जानने का हक है.