फांसी के फंदे से बच निकला शख्स, पुलिस की टाइम पर एंट्री ने बचा ली जान

Madhya Pradesh : व्यक्ति ने 108 को फोन किया था कि वह फांसी लगाने जा रहा है. 108 की टीम समय पर पहुंची और कांस्टेबल अतुल पांडे ने फांसी पर लटके व्यक्ति के पैर अपने कंधे पर रखकर उसे सहारा दिया.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
फांसी के फंदे से बच निकला शख्स, पुलिस की टाइम पर एंट्री ने बचा ली जान

आमतौर पर कहा जाता है कि पुलिस किसी भी घटना के बाद ही आती है... लेकिन रीवा में एक ऐसा चमत्कार हुआ जिसने पुलिस की जमकर तारीफ बटोरी. मामला एक दिन पुराना है, जब पूरा प्रशासन रीवा एयरपोर्ट के उद्घाटन में व्यस्त था. सेमरिया थाना के बरौं गांव में एक व्यक्ति ने 108 एम्बुलेंस को सूचना दी कि वह फांसी लगाकर आत्महत्या करने जा रहा है. यह सूचना जैसे ही सेमरिया थाना प्रभारी को मिली उन्होंने तुरंत 108 को घटनास्थल पर भेज दिया. जब 108 गांव में पहुंची उस वक्त वह व्यक्ति पेड़ पर चढ़कर गले में रस्सी डाल रहा था. इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने साहस दिखाते हुए दौड़ लगाई और जैसे ही वह व्यक्ति लटकने लगा, पुलिसकर्मी ने उसके दोनों पैर अपने कंधे पर रखकर उसे सहारा दिया. इसके बाद अन्य पुलिसकर्मी भी पहुंच गए.  एक ने पेड़ पर चढ़कर रस्सी काटी और व्यक्ति को नीचे उतारा. तब तक उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी. पुलिस ने तुरंत उसे संजय गांधी अस्पताल रीवा में भर्ती कराया जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है.

पुलिस की हो रही है तारीफ

108 एम्बुलेंस में आरक्षक अतुल पांडे की ड्यूटी थी. जैसे ही वह सेमरिया के बरौं गांव पहुंचे. हीरा सिंह नामक व्यक्ति जिसने 108 को फांसी लगाने की सूचना दी थी... वो  पेड़ पर चढ़कर गले में फंदा डाल रहा था. आरक्षक अतुल पांडे ने कीचड़ में दौड़ लगाई और जैसे ही वह व्यक्ति लटका अतुल ने उसके पैर अपने कंधे पर रख दिए. उनके साथी पुलिसकर्मी ने पेड़ पर चढ़कर रस्सी काटी और हीरा सिंह को सुरक्षित नीचे उतारा. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत अब बेहतर है.

Advertisement

13 KM का सफर 18 मिनट में तय

आमतौर पर लेट लतीफी के लिए जानी जाने वाली पुलिस इस बार समय पर पहुंची, जिससे एक व्यक्ति की जान बचाई जा सकी. यह घटना काफी सराहनीय मानी जा रही है. 108 और पुलिस ने 13 KM की दूरी 18 मिनट में तय की. हीरा सिंह ने 10:18 पर फोन किया और 108 एम्बुलेंस ठीक 10:36 बजे वहां पहुंच गई, जिससे समय रहते उसकी जान बचा ली गई.

Advertisement

किस लिए चुना मौत का रास्ता ?

बरौं गांव में दो परिवारों के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. फांसी लगाने वाले व्यक्ति हीरा सिंह का कहना है कि उनकी भतीजी उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराती रहती है. कभी 307 तो कभी 376 के आरोप लगाती है. हीरा सिंह एक मामले में जमानत भी करवा चुके हैं और बेहद परेशान हैं. उनके अनुसार, 50 साल पहले ही परिवार की जमीन का बंटवारा हो चुका है और उनके हिस्से में 15 डिसमिल जमीन आई है. वह लगभग 30-35 साल गांव से बाहर रहे लेकिन अब गांव में घर बनाकर सब्जी उगाकर रोजी-रोटी कमाना चाहते हैं. परिवार के लोग ऐसा नहीं करने दे रहे और उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. पुलिस भी महिला होने के नाते भतीजी की बात ज्यादा सुनती है.

Advertisement

कांस्टेबल की सूझबूझ से बची जान

कांस्टेबल अतुल पांडे की सूझबूझ से एक व्यक्ति की जान बचाई जा सकी. व्यक्ति ने 108 को फोन किया था कि वह फांसी लगाने जा रहा है. 108 की टीम समय पर पहुंची और कांस्टेबल अतुल पांडे ने फांसी पर लटके व्यक्ति के पैर अपने कंधे पर रखकर उसे सहारा दिया. बाकी के पुलिकर्मियों ने रस्सी काटकर व्यक्ति को फांसी के फंदे से उतरा और फिर अस्पताल ले जाकर जान बचाई.

पढ़ने के लिए क्लिक करें : 

विस्फोट की आवाज सुनकर दहल गया मुरैना ! कई लोगों की जान खतरे में, जानें अपडेट

Topics mentioned in this article