पीएम विश्वकर्मा योजना: MP में कारीगरों को प्रशिक्षण देकर उत्पादों की होगी मार्केटिंग, इस कॉन्क्लेव में लगेगा स्टॉल

Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana: मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के हितग्राहियों को ट्रेनिंग देने के साथ ही उनके उत्पादों को रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के लगाया जाएगा. इसको लेकर कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

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कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की.

PM Vishwakarma Yojana: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल (Minister Dilip Jaiswal) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Scheme) को लेकर बैठक की. इस बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की लक्ष्य पूर्ति पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि योजना को लक्षित वर्ग के हितग्राहियों तक पहुंचाने के लिए कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग (Cottage and Village Industries Department) कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिए हर स्तर पर जाकर मार्केटिंग करेगा. 

दिलीप जायसवाल ने कहा कि रेशम और खादी के उत्पादों की मांग दिनों-दिन बढ़ रही है, इसलिए विभागीय तौर पर इनकी आपूर्ति बढ़ानी होगी. इसके लिए रेशम और खादी वस्त्रों का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएं.

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क्या है PM विश्वकर्मा योजना?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 17 सितम्बर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना में अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को हर प्रकार की सहायता दी जाएगी. इस योजना में 18 प्रकार के परंपरागत व्यवसायों जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार व पत्थर तराशने वाले), पत्थर तोड़ने वाले, मोची (चर्मकार)/जूते बनाने वाले, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौने निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले कारीगरों को शामिल किया गया है.

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प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेंड भी मिलेगा

इस योजना में पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र (PM Vishwakarma Certificate) और आईडी कार्ड के जरिए कारीगरों और शिल्पकारों का पात्रता पंजीयन किया जाएगा. इन पात्र कारीगरों को 5 से 7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या इससे अधिक दिन का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही प्रशिक्षण के दौरान 500 रुपये प्रतिदिन की दर से शिष्यवृत्ती (Stipend) भी दिया जाएगा. इसके अलावा बुनियादी कौशल प्रशिक्षण की शुरुआत में ई-वाउचर के रूप में 15 हजार रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन भी दिया जाएगा. योजना में कारीगरों और शिल्पकारों को व्यवसाय/दुकान/आउटलेट स्थापित करने के लिए बैंक लिंकेज और पात्रतानुसार लोन लिंकेज भी दिया जाएगा.

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'रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में लगाएं विभागीय स्टॉल'

बैठक में कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जायसवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 20 जुलाई को जबलपुर में होने वाली 'रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव' में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग का स्टॉल भी लगाया जाए. साथ ही उत्पाद बिक्री काउंटर भी लगाएं. इससे विभाग के उत्पादों के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ-साथ बिक्री भी होगी. बताया गया कि जबलपुर में हथकरघा, खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के उत्पादों के साथ-साथ विंध्या वैली उत्पादों को भी स्टॉल लगाकर प्रदर्शित किया जाएगा.

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