MI-17 हेलिकॉप्टर से बाघिन ने तय किया हवाई सफर, पहली बार मध्य प्रदेश से राजस्थान में टाइगर का हुआ ट्रांसलोकेशन

Tigress Traveled To Rajasthan: पेंच टाइगर रिजर्व से बाघिन को रामगढ़ लाने के लिए सेना के हेलिकॉप्टर एमआई-17 की मदद ली गई. हेलिकॉप्टर से जयपुर पहुंचे बाघिन को बूंदी में छोड़ दिया गया है. राजस्थान में बाघ ट्रांसलोकेशन का यह पहला मामला है, जिसे वन्यजीव संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है.

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FIRST-EVER TIGERESS TRANPORTATION, MADHYA PRADESH TO RAJASTHAN

Tiger Translocation: मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से एक बाघिन को रविवार को राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया. पेंच से हेलिकॉप्टर से बाघिन को राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया. यह पहली बार है जब राजस्थान में किसी बाघिन का अंतर्राज्यीय हवाई स्थानांतरण किया.

पेंच टाइगर रिजर्व से बाघिन को रामगढ़ लाने के लिए सेना के हेलिकॉप्टर एमआई-17 की मदद ली गई. हेलिकॉप्टर से जयपुर पहुंचे बाघिन को बूंदी में छोड़ दिया गया है. राजस्थान में बाघ ट्रांसलोकेशन का यह पहला मामला है, जिसे वन्यजीव संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है.

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जयपुर एयरपोर्ट पर बाघिन को लेकर उतरा हेलिकॉप्टर

जानकारी के अनुसार वायुसेना का भारतीय वायुसेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर बाघिन को लेकर पेंच टाइगर रिजर्व से रवाना हुई बाघिन को  सुरक्षित लेकर जयपुर एयरपोर्ट पर उतरा. बाघिन को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ सड़क मार्ग से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया है.

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हाथियों की मदद से बाघिन को ट्रैंकुलाइज किया गया

रिपोर्ट के मुताबिक बाघिन को रामगढ़ लाने के लिए करीब 25 दिनों से पेंच टाइगर रिजर्व में विशेषज्ञों की टीम थी. बाघिन को ट्रैक करने, रेडियो कॉलर लगाने व स्वास्थ्य परीक्षण के प्रयास किए गए और रेडियो कॉलर हटने के बाद बाघिन जंगल की ओर बढ़ गई, जिससे ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण हो गया. हाथियों की मदद से टीम ने बाघिन को ट्रैंकुलाइज किया।

बाघिन का हेलिकॉपट्र से बूंदी ट्रांसलोकेशन को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों को बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष के समन्वय और पहल से केंद्र व राज्य स्तर पर आवश्यक अनुमति और संसाधन उपलब्ध हो सके.

साल 2008 में फेल हो गया था बाघ ट्रांसलोकेशन

गौरतलब है राजस्थान में यह पहला बाघ ट्रांसलोकेशन है. इससे पहले साल 2008 में ओडिशा में बाघ ट्रांसलोकेशन का प्रयास असफल रहा था. अब रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य में बाघिन को बजालिया एंक्लोजर में रखा जाएगा, जहां उसकी सेहत, सुरक्षा और मूवमेंट पर पल-पल नजर रखी जाएगी. यह ट्रांसलोकेशन बूंदी और राजस्थान के लिए नई शुरुआत है.

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