Pregnant Women Death Case: दमोह (Damoh) जिले के जिला अस्पताल में एक दिन हुए 5 प्रसूताओं की डिलीवरी के बाद 4 महिलाओ की मौत और एक प्रसूता की गंभीर हालत को लेकर हर दिन नया खुलासा हो रहा है. अब एक परिजन ने दावा है कि प्रसूताओं की मौत किडनी की नस कटने से हुई थी. जिले में एक ही दिन हुए 5 सिजेरियन ऑपरेशन के बाद 4 प्रसूताओं की मौत हो गई थी, जबकि अस्पताल में पांचवीं गर्भवती महिला की हालत गंभीर है.
आरोप, किडनी की नस कटने से हुई महिलाओं की मौत
हिंडोरिया में निवासी निशा परवीन की मौत को लेकर जांच की गुहार कर रहे परिजनों के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान जिला अस्पताल में भर्ती गर्भवती महिलाओं की किडनी की नस काट दी गई, जिससे किडनी फेल होने की वजह से उनके परिजन की मौत हो हुई. वहीं, नौंगांव की प्रसूता हर्ष कोटी के पति ने इलाज में भारी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया.
जिला अस्पताल में प्रसूताओं की मौत की जांच रिपोर्ट कब?
बहरहाल, सभी चार महिलाओं के मौत के मामले में जांच अभी जारी है. हालांकि इसके पहले ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ द्वारा एक जांच की जा चुकी है, लेकिन उसमें क्या निकाल कर सामने आया है, यह अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है. दमोह कलेक्टर की मानें तो एक-दो दिन में सभी जांच पूरी हो जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
दमोह जिला अस्पताल पर लग चुके हैं लापरवाही के आरोप
गौरतलब है दमोह जिले में बीते 20 दिनों में 4 प्रसूताओं ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इससे पहले बभी दमोह जिला अस्पताल (Damoh District Hospital) पर लापरवाही के आरोप लगे हों. मृत महिलाओं ने डिलीवरी के कुछ दिनों के बाद दम तोड़ दिया था. परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर एमपी CM से कार्रवाई की मांग की थी.
मृत सभी महिलाओं को किडनी में संक्रमण की थी शिकायत
दमोह जिला अस्पताल में 4 जुलाई को भर्ती कराई गई मृत गर्भवती महिलाओं के सीजेरियन ऑपरेशन हुए थे, उनमें से सभी महिलाओं को पेशाब रुकने और इन्फेक्शन होने की शिकायत हुई. जिसके बाद एक के बाद एक 4 महिलाओं ने दम तोड़ दिया. महज 20 दिन के भीतर 4 महिलाओं की मौत हो गई, जबकि 1 प्रसूता जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है.
डिलीवरी से पहले पूरी तरह स्वस्थ थी गर्भवती महिलाएं
दमोह के बकायन गांव के सचिन चौरसिया की पत्नी लक्ष्मी चौरसिया जबलपुर हाईकोर्ट में पदस्थ थीं. लक्ष्मी स्वस्थ हालत में जिला अस्पताल दमोह में नॉर्मल डिलीवरी के लिए आईं थी, लेकिन सिजेरियन ऑपरेशन के बाद तक सबकुछ ठीक था, लेकिन ऑपरेशन के, 5 घंटे बाद प्रसूता लक्ष्मी की सांसें थम गईं. पति सचिन पत्नी की मौत के लापरवाही का आरोप लगाया.
प्रसूता निशा परवीन ने सिजेरियन के 18वें दिन तोड़ा दम
ठीक इसी तरह, हिंडोरिया की निशा परवीन सिजेरियन ऑपरेशन के बाद जच्चा और बच्चा स्वस्थ थे, सबको मिठाइयां बांटी गईं. लेकिन कुछ देर मृतका की किडनी फेल हो गई है और गंभीर हालत में जबलपुर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां 18वें दिन उसने दम तोड़ दिया. परवीन के परिजनों ने भी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया हैं.
20 दिनों तक अस्पताल में संघर्ष के बाद हुमा ने तोड़ा दम
हटा की हुमा सिजेरियन ऑपरेशन के बाद स्वस्थ थी. परवीन की तरह हुमा को भी पेशाब रुकने की शिकायत हुई. हुमा को भी किडनी फेल होने की बात कही गई. हुमा को भी जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां लगातार डायलिसिस हुमा ने दम तोड़ दिया. हुमा के परिजनों ने भी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की हैं.
प्रसव के बाद चंद घंटों में हर्षना कोरी की हुई मौत
पटेरा नया गांव की हर्षना कोरी की भी प्रसव के चन्द घंटों बाद तबीयत बिगड़ गई. उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया, लेकिन सुबह होने से पहले हर्षना ने भी दम तोड़ दिया. इसी तरह 4 जुलाई को अस्पताल में हुए सिजेरियन ऑपरेशन में कुल महिलाओं की मौत हो चुकी है जबकि एक प्रसूता जबलपुर मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है.
कलेक्टर ने माना, महिलाओं की मौत सामान्य नहीं
उल्लेखनीय है 4 प्रसूताओं की मौत के मामले की जांच के लिए दमोह कलेक्टर ने ज्वाइंट डायरेक्टर हेल्थ को निर्देश दिया है. उन्होंने दौरा कर कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. दमोह कलेक्टर ने यह माना है कि सभी महिलाएं स्वस्थ थीं, इनकी मौत सामान्य नहीं है. जबाव आने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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