Defence Minister Rajnath Singh in NDTV Defence Summit: एनडीटीवी द्वारा आज गुरुवार 7 मार्च को इंटरनेशनल डिफेंस समिट (NDTV Defence Summit) का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री (Defence Minister of India) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भी शामिल हुए. अपनी बात रखते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि 'देश में जनता के बीच विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए NDTV को बधाई'. राजनाथ सिंह ने कहा कि मीडिया जनता और सरकार के बीच ब्रिज की तरह है. लोकतंत्र का चौथा स्तंभ यानी कि मीडिया (Freedom of Media) की आजादी के तहत ही हमारे देश में आज वाइब्रेंट कल्चर है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे यहां वाइब्रेंड मीडिया कल्चर का एनडीटीवी प्रतिनिधित्व करता है. आपातकाल का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इमरजेंसी के दौर में मीडिया की स्वतंत्रता को दबाया गया था. उस समय अखबरों की हेड लाइन एक पार्टी के ऑफिस से तय होती थीं. वहीं उन्होंने कहा कि मीडिया को लेकर आज जो आरोप लग रहे है वे सारे आरोप निराधार हैं. आज सरकार और मीडिया दोनों ही समाज की संस्था हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि मीडिया या लेखक सरकार की कठपुतली के रूप में काम नहीं करते हैं. सरकार और मीडिया दोनों ही समाज के लिए काम कर रहे हैं.
आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है डिफेंस सेक्टर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा जब से (2014) मोदी सरकार आयी है तब से ही रक्षा क्षेत्र मोदी सरकार के लिए प्राथमिकता रहा है. सरकार ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ाया है. मोदी सरकार ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य बनाया, इसीलिए हथियारों का निर्माण भी देश में ही करने का फैसला किया गया है.
NDTV Defence Summit : राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देते हुए स्वदेशी कंपनियों के इंटरेस्ट को भी घ्यान में रखा है.
राजनाथ सिंह
विपक्ष अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभा रहा है : राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिफेंस समिट में कहा कि विपक्ष अपनी जिम्मेदारी ढंग से नहीं निभा रहा है, ऐसी परस्थिति में मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. वहीं जब मीडिया हमें कुछ खामियों के बारे में बताती है तो उसमें मोदी सरकार काम करती है, मीडिया अगर नीतियों की आलोचना करती है तो उसे स्वीकार कर सुधार भी किया जाता है. जो गलत है तो उसे चेंज किया जाता है. नीतियों में अगर कमी दिखती है तो उसमें सुधार किया जाता है, उदाहरण के तौर पर जीएसटी (GST) में भी बाद में बदलाव किया, कमियों को मूल्यांकन कर ठीक किया गया.
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