Madhya Pradesh Water Crisis: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के कई गांवों में जल संकट की समस्या बनी हुई है. जिले में मां नर्दा की भरपूर कृपा है, फिर भी पीएचई विभाग और ठेकेदारों की लापरवाही से जल समस्या बनी हुई है. करेली विकासखंड का गांव खमरिया में 5000 से भी ज्यादा आबादी रहती है, जहां करीब एक सी सूरत की दो अधूरी पानी की टंकियां देखी जा सकतीं हैं.
पहली टंकी साल 2012 से अधूरी बनी खड़ी है. जब टंकी बनाने का काम शुरू हुआ तो प्रशासन को भूजल स्तर की याद आई. गड्ढे कराए, लेकिन पानी नहीं मिला. ठेकेदार ने आगे काम नहीं किया. उसके बाद सरकारी जमीन को ढूंढने की कवायद फिर शुरू हुई.
बदला टंकी का स्थान, समस्या फिर भी जस की तस
वर्षों बाद पानी की टंकी का स्थान बदला गया और दूसरी टंकी पंचवर्षीय में बनना शुरू हुई, लेकिन हालात अभी भी वैसे ही हैं, जैसे पहले वाली टंकी थी. धीमी गति से चल रहा निर्माण कार्य आज भी विकास से कोसों दूर नजर आता है. नल जल योजना के तहत पाइप लाइन भी बिछा दी गईं. घर घर नल कनेक्शन लगा दिए, फिर भी जल के इंतजार में आंखों का पानी सूखा जा रहा है.
गांव में पानी की विकट समस्या
गांव में पानी की विकट समस्या है. गांव के लोग साधन न होने के चलते गांव से बाहर पानी लेने नहीं जा पाते हैं और एक हैंडपंप से ही पानी भरते हैं, जहां लंबी लाइन लगी रहती है. जिनके पास साधन हैं, वो बाहर या खेतों से पानी लाने का काम करते हैं. पीएचई विभाग बताया कि वो पानी की सप्लाई के लिए जरूरी कदम उठाएंगे.
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