Missing Child Rescue: धार जिले में चल रहे ‘मुस्कान' अभियान ने एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित कर दी. आठ महीने पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुई 8 साल की मासूम बच्ची को पीथमपुर पुलिस ने मुंबई से सुरक्षित ढूंढ निकाला. पुलिस ने बच्ची को उसके माता-पिता से मिलाकर न सिर्फ उनका दर्द खत्म किया, बल्कि साबित कर दिया कि लगातार कोशिश और सही दिशा में जांच किसी भी बच्चे को वापस उसके घर ला सकती है.
बच्ची के गायब होने से फैली थी दहशत
पीथमपुर थाना क्षेत्र के सेक्टर नंबर–01 में आठ महीने पहले उस समय हड़कंप मच गया था, जब एक परिवार ने शिकायत दर्ज कराई कि उनकी नन्ही बच्ची को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर ले गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत अपहरण का प्रकरण दर्ज किया और टीम को खोजबीन के लिए लगा दिया.
सीसीटीवी फुटेज में मिला पहला सुराग
तलाश में जुटी पुलिस टीम ने इलाके के मुख्य मार्गों, फैक्ट्रियों और आसपास के अन्य स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. तभी त्रिवेणी कंपनी के कैमरे में एक संदिग्ध व्यक्ति बच्ची को ले जाता हुआ नजर आया. बच्ची के पिता ने भी उसकी पहचान कर ली. इसी सुराग ने जांच को नई दिशा दे दी.
800 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए
संदिग्ध की मूवमेंट का पता लगाते हुए यह जानकारी मिली कि वह इंदौर रेलवे स्टेशन से बच्ची को लेकर मुंबई जाने वाली ट्रेन में बैठा था. इसके बाद पुलिस टीम ने इंदौर से मुंबई तक लगभग 800 सीसीटीवी फुटेज देखे मुंबई सेंट्रल, दादर, कुर्ला, पनवेल, नवी मुंबई… सभी जगह तलाश जारी रही. बच्ची की फोटो मीडिया और चैनलों के जरिए भी प्रसारित कराई गई.
अंततः नवी मुंबई के मानखुर्द पनवेल इलाके स्थित एक चिल्ड्रन होम से सूचना मिली कि भेजी गई तस्वीरों से मिलती हुई बच्ची वहां मौजूद है. पुलिस टीम तुरंत मुंबई पहुंची और बच्ची को सुरक्षित अपने संरक्षण में ले लिया.
ये भी पढ़ें- पुलिस पर महिला ने लगाए गंभीर आरोप, फिर खा लिया जहर; सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करना पड़ा भारी
महिला बल की निगरानी में हुई वापसी
बच्ची को महिला बल की देखरेख में धार लाया गया. पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उसे उसके माता-पिता को सौंपा गया. लंबे समय बाद बेटी को देखकर परिवार की आंखों में खुशी और राहत साफ दिखाई दे रही थी.
हाई कोर्ट तक ने दी प्रशंसा
पीथमपुर पुलिस की इस उपलब्धि की सराहना उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर ने भी की है. वहीं, धार के पुलिस अधीक्षक ने पूरी टीम को 10,000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की. यह सफलता ‘मुस्कान' अभियान के उद्देश्य को और मजबूत करती है.
ये भी पढ़ें- कितने खतरनाक हैं ये 10 नक्सली, जिन्होंने MP के CM मोहन यादव के सामने डाले Ak-47 जैसे हथियार