MP News: इस जिले में एक वर्ष में ही दम तोड़ दिए  3354 करोड़ रुपये से बनाए गए मुक्तिधाम?  बरसात में बढ़ी परेशानी

Chhatarpur News: मुक्ति के लिए बनाए गए मुक्तिधाम ही मध्य प्रदेश के छतरपुर में दम तोड़ दिए हैं. इनके टीन शेड गायब हो गए. बता दें कि छतरपुर जिले में 559 पंचायत में 3354 करोड़ रुपये की लागत से 1118 गांवों में मुक्तिधाम का निर्माण किया गया था.

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MP News: इस जिले में एक वर्ष में ही दम तोड़ दिए 3354 करोड़ रुपये से बनाए गए मुक्तिधाम? बरसात में बढ़ी परेशानी

MP News In Hindi: तेज धूप हो या बारिश शमशान घाट (Muktidham) में अंतिम संस्कार (Last Rites) में कोई परेशानी न हो, इसके लिए सरकार मुक्तिधाम बनाने की योजना लेकर आई थी. लेकिन कई जिलों में मुक्तिधाम बनते ही साल भर में दम तोड़ दिए. इसकी एक बड़ी वजह घटिया निर्माण रही. ऐसे ही कई मामले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले से सामने आए हैं. जहां जिले में 559 पंचायतों में 33 54 करोड़ रुपये की लागत से 1118 गांव में मुक्तिधाम का निर्माण किया गया था. इनमे से अधिकांश मुक्तिधाम अब दम तोड़ चुके हैं.

ग्रामीणों को खुले में करनी पड़ रही अंत्येष्टि 

 छतरपुर जिले की 8 जनपद पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत दो-दो मुक्तिधामों का निर्माण कराया गया था. लेकिन पंचायतों द्वारा कराए गए घटिया निर्माण के चलते कुछ ही साल में इन मुक्तिधामों से टीनशेड गायब हो गए. वहीं, दूसरी ओर मनरेगा योजना के तहत निर्मित इन मुक्तिधामों की मरम्मत के लिए अलग से कोई फंड नहीं है. अब बारिश के दिनों में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अपने परिजन की मौत के बाद खुले में अंत्येष्टि करनी पड़ रही है.

559 पंचायतों में बनवाए गए थे मुक्तिधाम

 छत्तरपुर में 559 पंचायतों ने पांच साल पहले 3 लाख रुपये की लागत से मनरेगा योजना के तहत 1118 गांव में मुक्तिधामों का निर्माण कराया गया. पंचायत के सरपंच द्वारा इन मुक्तिधामों में निर्माण की सामग्री इतनी घटिया लगाई गई कि कुछ ही दिन में इनके टीनशेड गायब हो गए. कुछ तो लोगों के द्वारा चोरी कर लिए गए. खास बात ये है कि इनका पेमेंट भी हो चुका है. अब कुछ मुक्तिधामों में नाम मात्र के लिए टीन शेड बचे हैं. जो छाया देने योग्य भी नहीं हैं.

मुक्तिधाम के नाम पर सिर्फ पिलर ही खड़ें हैं

छतरपुर जनपद में ग्राम पंचायत थार की पहाड़ी पर 4 साल पहले पंचायत द्वारा मुक्तिधाम का निर्माण कराया गया था. जिसमें नियमानुसार कार्य नहीं किया गया. इस मुक्तिधाम से भी टीनशेड गायब हो गए. अब मुक्तिधाम के नाम पर सिर्फ पिलर ही खड़े हुए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि जब उर्मिल नदी के पास पठापुर रोड पर मुक्तिधाम का निर्माण किया जा रहा था, तो ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे. लेकिन सरपंच और सचिव ने ग्रामीणों की बात नहीं सुनी. जबरन कार्य को पूरा किया था.

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CEO तपस्या बोलीं.. जांच करवाएंगे

जिला पंचायत कार्यालय छतरपुर.

तपस्या सिंह परिहार, जिला पंचायत सीईओ छतरपुर ने इस मामले में NDTV से कहा कि मुक्तिधाम का टीनशेड पूरी तरह से गायब हो गया है और परिसर में मिट्टी के टीले दिखाई दे रहे हैं. आपने मेरे संज्ञान में यह बात लाई है. मैं इसकी जांच करवा कर उचित कार्रवाई करूंगी. 

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