MPPSC Result 2022 : ऑटो चालक की लाडली बनेगी डिप्टी कलेक्टर, दो सगी बहनों समेत रीवा की तीन बेटियों ने किया कमाल

MPPSC TOPPERS 2022  : एमपीपीएससी 2022 का रिजल्ट जारी हो चुका है. फिर से रीवा की बेटियों ने विंध्य का मान पूरे प्रदेश में बढ़ाया है. इस बार तीन बेटियों ने सफलता हासिल की है. ये तीनों गौरवशाली बेटियां हैं- आरती, पूजा सिंह और आयशा अंसारी. खास बात ये है कि आरती और पूजा दोनों सगी बहने हैं. वहीं, आयशा के पिता ऑटो चालक हैं.

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MPPSC 2022 के रिजल्ट में रीवा की इन तीन बेटियों ने हासिल की बड़ी सफलता.

MPPSC State Service Exam 2022 Result : कौन कहता है बेटियां कुछ नहीं कर सकती... रीवा में बेटियों ने कुछ ऐसा कर दिया, जो इसके पहले नहीं हुआ था. रीवा जिले की बेटियों ने मिसाल कायम की है. एमपीपीएससी की परीक्षा में तीन-तीन बेटियों ने बाजी मारी. ऐसा करने वाला शायद प्रदेश का पहला जिला हो सकता है रीवा. डिप्टी कलेक्टर के पद पर आयशा अंसारी के बाद, आरती सिंह परिहार और पूजा सिंह परिहार दो सगी बहनों ने एमपीपीएससी में अपना स्थान बनाया  और किया रीवा का नाम रोशन. 

रीवा त्योंथर जनपद पंचायत इलाके के शिवपुर जवा गांव की दो सगी बहन ने एमपीपीएससी 2022 परीक्षा में परचम लहराया है, दोनों सगी बहन आरती सिंह परिहार का सहायक संचालक स्कूल शिक्षा विभाग और पूजा सिंह परिहार का वाणिज्य कर निरीक्षक के पद पर चयन हुआ है.

रीवा से ही पूरी की स्कूली और कॉलेजी शिक्षा

वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हुए, शिवपुर जवा के रहने वाले सहायक उप निरीक्षक नारायण सिंह परिहार की दो बेटियों ने, तो इतिहास ही रच दिया. बता दें, नारायण सिंह वर्तमान में पुलिस विभाग में सहायक उप निरीक्षक  पद सीधी में कार्यरत हैं. मां कुसुम सिंह जनपद सदस्य जवा रह चुकी हैं. उनकी दोनों बेटियां, जिन्होंने सफलता का परचम फैलाया है, फिलहाल इंदौर में हैं. भाई सूरज सिंह खुद आईएएस अफसर बनना चाहते थे. आरती और पूजा की प्रारंभिक शिक्षा रामनगर सतना में हुई थी. इसके बाद आगे की पढ़ाई रीवा सरस्वती स्कूल और सेंट्रल एकेडमी से की है. वहीं, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय से आरती ने बीसीए और एमएससी आईटी कंपलीट की.  पूजा सिंह परिहार ने बीकॉम किया. इसके अलावा दोनों बहनों ने ठाकुर सूर्य प्रताप सिंह महाविद्यालय से B.Ed की शिक्षा ली थी.

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 'मेरे पिता ने कोई कमी नहीं आने दी पढ़ाई में' 

आयशा के पिता मुस्लिम अंसारी NDTV से कहते हैं, ऑटो चलाया, हर वह काम किया, बिटिया की पढ़ाई के लिए. आज मेरी बिटिया डिप्टी कलेक्टर बन गई है. वहीं, आयशा कहती हैं, कोचिंग के लिए हमारे पास पैसे नहीं थे, तो मैंने सोशल मीडिया का सहारा लिया, सोशल मीडिया अच्छा भी है, बुरा भी, आपको तय करना है. आप क्या करना चाहते हैं, मैंने उसका अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल किया. नतीजा आपके सामने है, आज मैं चयनित हो गई हूं. मेरी सफलता का पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है. मेरे पिता ने ऑटो चलते हुए भी मेरी पढ़ाई पर कोई कमी नहीं आने दी. मेरी मां ने मुझे घर के काम की जगह पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा. 

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