NGT का निर्देश- भोपाल में ग्रीन बेल्ट एरिया की 692 लोकेशनों से हटे अतिक्रमण, कलेक्टर ने ली बैठक

भोपाल कलेक्टर ने संबंधित विभाग जैसे कि नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सीपीए एवं वन विभाग के अधिकारियों से दल बनाकर एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये है. उन्होंने बताया कि एनजीटी द्वारा जारी निर्देश में ग्रीन बेल्ट एरिया में सर्वाधिक अतिक्रमण लोकेशन अयोध्या नगर बायपास रोड पर स्थित है,

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भोपाल:

Madhya Pradesh News : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्रीन बेल्ट एरिया (Green Belt Area) की 692 लोकेशनों ऐसे चिह्नित किए हैं जहां अतिक्रमण पाया गया है. इस अतिक्रमण को हटाने के लिए एनजीटी की तरफ से भोपाल नगर निगम (Bhopal Municipal corporation) को पहले ही निर्देश दिया चुका है. इसी संबंध में आज भोपाल कलेक्टर (Collector Bhopal Ashish Singh) आशीष सिंह ने बैठक करते हुए संबंधित विभागों से चर्चा की और एनजीटी के निर्देश का पालन करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं.

कलेक्टर ने क्या कहा?

कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित विभाग जैसे नगर निगम, पीडब्ल्यूडी (PWD), सीपीए (CPA) एवं वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों से टीम बनाकर एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जल्द से जल्द शुरु करने के निर्देश दिये.

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कलेक्टर ने बताया कि एनजीटी द्वारा जारी निर्देश में ग्रीन बेल्ट एरिया में सर्वाधिक अतिक्रमण लोकेशन अयोध्या नगर बायपास रोड पर स्थित है, इसके साथ नीलबड़ से मुगालिया छाप, पटेल नगर बायपास से 11 मील रोड, करोंद बायपास रोड भानपुरा चौराहा से आशाराम बापू चौराहा पर बड़ी संख्या में अतिक्रमण है.

कलेक्टर ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को संबंधित विभाग कॉर्डिनेट कर कार्यवाही करें. कलेक्टर ने संबंधित लोकेशनों से अतिक्रमण हटाने के संबंध में चर्चा कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये. इस दौरान डीएफओ आलोक पाठक, नगर निगम आयुक्त फ़्रेंक नोबल ए, एडीएम हरेन्द्र नारायण सहित वनविभाग, नगरनिगम, पीडब्ल्यूडी, सीपीए सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

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कमर्शियल निर्माण में पार्किंग व्यवस्था का किया जाये निरीक्षण

कलेक्टर ने नगर निगम को निर्देशित किया है कि पिछले पांच वर्षों में उनके द्वारा कमर्शियल निर्माण की जितनी अनुमति दी गई है एवं भविष्य में दी जानी हैं, उनमें पार्किंग व्यवस्था का निरीक्षण करवायें. इसके साथ ही यह सुनिश्चित किया जाये कि पार्किंग स्पेस पार्किंग के लिए ही उपयोग हों. साथ ही यह भी देखा जाये कि सभी कमर्शियल निर्माण में पार्किंग प्रोविजन अनिवार्य है, इसी के बाद अनुमति दी जाये. उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए.

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