MP News : खंडवा के इस सरकारी स्कूल में होती है AI से पढ़ाई, माइक्रोसॉफ्ट ने ले रखा इसे गोद

मध्यप्रदेश के खंडवा में सरकारी स्कूल (Government School) के छात्र छात्राएं अब AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पढाई करते हैं. सम्भवतः यह प्रदेश का पहला सरकारी स्कूल है, जहां इस तरह से पढाई की जा रही है.

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खंडवा:

Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश के खंडवा में सरकारी स्कूल (Government School) के छात्र छात्राएं अब AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पढाई करते हैं. सम्भवतः यह प्रदेश का पहला सरकारी स्कूल है, जहां इस तरह से पढाई की जा रही है.

पहले जानते हैं आखिर AI क्या है?  

धरती पर इंसान को सबसे बुद्धिमान माना जाता है. यानी इंसानी बुद्धि किसी भी टास्क को पूरा कर सकती है. एक समय तक केवल इंसान ही इंटेलिजेंट होने की परिभाषा में फिट बैठते थे, लेकिन अब इंसान ही नहीं मशीन भी इंटेलिजेंट कहलाती हैं. इसीलिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धिमता जैसी टर्म का उपयोग होने लगा है. आसान शब्दों में कहें तो इंसानी काम को आसान बनाने के लिए मशीन को इंटेलिजेंट बनाया गया है.

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जब मशीन किसी इंसानी काम को इंसानों की तरह सोच-समझ कर करने लगे तो वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहलाती है.

एआई का जनक जेफ्री हिंटन को कहा जाता है. जेफ्री हिंटन ने इसके फायदे और नुकसानों बारे में भी खुलकर बताया है. AI से आधुनिक दुनिया में बड़े बदलाव आ रहे हैं. एक बदलाव यह भी है कि अब इस तकनीक के जरिए स्कूली छात्र अपनी पढाई आसानी से कर पा रहे हैं.

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खंडवा का वो सरकारी स्कूल, जहां के छात्र AI की मदद से कर रहे हैं पढ़ाई

खंडवा के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सूरजकुंड की शानदार इमारत को देख कर ही आपको यहां की पढाई का अंदाज़ा हो जाएगा. ये संभवत: पूरे प्रदेश की एक मात्र ऐसा सरकारी स्कूल है, जहां के छात्र AI  की सहायता से पढाई कर रहे हैं.

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AI की मदद से पढ़ाई करते स्टूडेंट

नई शिक्षा नीति के चलते स्कूल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स शामिल किया गया है. बच्चे कोर्स में तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में तो पढ़ ही लेते हैं, लेकिन इस बात की अहमियत तब और बढ़ जाती है, जब स्कूल के किसी टीचर की सरकारी काम में ड्यूटी लग जाए या किसी कारण से वो स्कूल से छुट्टी पर चले जाए. इसी जरुरत को महसूस करते हुए यहां के प्रचार्य और टीचरों ने AI टीचर तैयार किया है. अब जिस विषय के शिक्षक को छुट्टी या सरकारी काम से जाना होता है तो वह एक दिन पहले AI की मदद से कोर्स की तैयारी करा देता है. 

यहां की टीचर श्रद्धा गुप्ता का कहना है कि "इस आधुनिक तकनीक से पढाई करने में छात्रों को भी बड़ा आनंद आता है. इसे इसलिए तैयार किया गया है क्योंकि जब स्कूल में टीचर नहीं हों तब इस तकनीक का उपयोग कर बच्चे अपनी पढाई जारी रख सकें. इतना ही नहीं छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टीचर से अपनी पढाई संबंधी सवालों के जवाब भी ले सकते है."

कंप्यूटर लैब में स्टूडेंट

माइक्रोसॉफ्ट ने इस स्कूल को ले रखा है गोद

इस स्कूल में AI से पढाई की एक वजह यह भी है कि इस स्कूल को माइक्रोसॉफ्ट ने गोद ले रखा है. यहां माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) की मदद से ही AI से पढाई संभव हो पायी है. क्लास में तो छात्र AI की मदद से पढ़ते ही है, इसके अलावा छात्रों के लिए कम्प्यूटर लैब भी बनाई गई है, जहां छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर अपने प्रोजेक्ट भी तैयार करते हैं.

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