घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिला शव वाहन, शव ले जाने के लिए परिजनों को करना पड़ा प्राइवेट वाहन

पीड़ित परिवार जिला अस्पताल में लगभग 3 घंटे से अधिक शव वाहन के ड्राइवर के इंतजार में बैठे थे. ये सब तब हुआ, जब शव वाहन बगल में खड़ा था पर ड्राइवर नहीं आया. इस दौरान शव वाहन  पर बड़े अक्षरों में लिखा 24 घंटे निःशुल्क सेवा,उपलब्ध  रहेगी को देखकर  लोग व्यवस्था को कोसते रहे.

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Madhya Pradewsh News: मध्य प्रदेश के सभी जिलों में  प्रदेश सरकार की ओर से शव वाहन उपलब्ध कराया गया था, लेकिन उसके लाभ से आज भी लोग वंचित है.  जाता मामला शहडोल जिले से सामने आया है. दरअसल, रूपौला  गांव की महिला अगस्या कुशवाहा की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत  हो गई थी. मौत के बाद परिजन  अस्पताल के बाहर शव वाहन के लिए घंटों ड्राइवर का इंतजार करते रहे.

3 घंटे तक किया शव वाहन का इंतजार

पीड़ित परिवार जिला अस्पताल में लगभग 3 घंटे से अधिक शव वाहन के ड्राइवर के इंतजार में बैठे थे. ये सब तब हुआ, जब शव वाहन बगल में खड़ा था पर ड्राइवर नहीं आया. इस दौरान शव वाहन  पर बड़े अक्षरों में लिखा 24 घंटे निःशुल्क सेवा,उपलब्ध  रहेगी को देखकर  लोग व्यवस्था को कोसते रहे.

परिजनों का छलका दर्द

इस व्यवस्था से आहत मृत महिला के दामाद दुर्गेश कुशवाहा ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि परिजनों का आरोप है कि गरीबों को न जीते जी सुविधा मिलती है और न ही मरने के बाद मिलती है.  यही वजह है कि सरकारी योजना होने के बाद भी हमें श प्राइवेट वाहन से ले जाना पड़ रहा है.

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कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत के घंटों बाद भी शव वाहन नहीं मिलने पर शव वाहन के नोडल अधिकारी कह रहे कि इसके लिए जिम्मेदार प्रबंधक को नोटिस भेजा जाएगा.

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