MP News: बुंदेलखंड पैकेज से यहां बनाई गई मंडी, व्यापारी काट रहे मौज और भटक रहे किसान

Chhatarpur Krishi Upaj Mandi: बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत छतरपुर जिले में वर्ष 2014-15 में किसानों के लिए कृषि उपज मंडी बनाई गई थी,लेकिन अब यहां व्यापारियों का कब्जा हो गया.

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MP News: बुंदेलखंड पैकेज से यहां बनाई गई मंडी, व्यापारी काट रहे मौज और भटक रहे किसान

Madhya Pradesh Today News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले में बनी कृषि उपज मंडी (Krishi Upaj Mandi) पर व्यापारियों के कब्जे को लेकर बड़ी खबर है. बता दें, यहां सालों पहले बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत करोड़ों रुपये खर्च करके सरकार ने किसानों के लिए मंडी का निर्माण करवाया था. लेकिन अब इस मंडी में बने टीन शेड पर व्यापारियों का कब्जा है. कब्जे की वजह से मंडी परिसर में फल-सब्जी का कारोबार कर रहे छोटे व्यापारी भी प्रभावित हो रहे हैं. किसानों का आरोप है कि मंडी परिसर में बनें टीन शेड पर बड़े व्यापारियों का कब्जा है.

टीन शेड मंडी सचिव के द्वारा बड़े व्यापारियों के नाम स्थान आवंटित कर दिए गए हैं. कई दुकानें आवंटित होने के बाद भी खाली हैं.वहीं, छोटे व्यापारी और किसानों को मंडी में बैठने के लिए भी स्थान नहीं है. 

समझें दुकानों का गणित

 फल-सब्जी मंडी परिसर में 67 दुकानों का निर्माण कराया गया था, जिसमें नीलामी प्रक्रिया से 41 दुकानों का आवंटन लाइसेंसी फल-सब्जी व्यापारियों के लिए किया जा चुका है. वहीं, 23 दुकानों का अनुबंध न होने से आवंटन निरस्त कर दिया गया. वहीं, 3 दुकानों पर स्टे चल रहा है. इन दुकानों के आवंटन में लेन-देन करने करने के भी आरोप लगे.

मंडी सचिव पर लगे ये आरोप

वहीं, लाइसेंस धारी व्यापारियों का आरोप है कि मंडी में शेष 23 दुकानों का अनुबंध इसलिए नहीं हो पा रहा क्योंकि दुकानदारों से अतिरिक्त रुपये मांगे जा रहे हैं. अब तक मंडी प्रबंधन ने इस बात पर गंभीरता नहीं दिखाई.  सिर्फ 6 व्यापारी ही अपनी दुकानों से व्यापार कर रहे हैं. दुकान आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण करने की बजाय मंडी अधिकारी परिसर में ही व्यापारियों को स्थाई जगह देने में रुचि दिखा रहे हैं. दुकानदारों ने आरोप लगाए कि जो व्यापारी मंडी सचिव से सांठगांठ कर लेता है, उसे अच्छा स्थान आवंटित कर दिया जाता है. 

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26 दुकानें बंद पड़ी

खाली पड़ी दुकानें, बता दें कि मंडी में इन दुकानों का निर्माण वर्ष 2014-15 में कराया गया था.

मंडी में दुकानों का निर्माण वर्ष 2014-15 में कराया गया. लेकिन 26 दुकानों के अनुबंध न होने की वजह से यह आज भी बंद पड़ी है. दुकानों का अनुबंध न होने से वर्ष 2022 में भारसाधक अधिकारी मंडी समिति के निर्देशन पर 26 दुकानों को सील कर दिया गया. प्रांगण में बनी दुकान क्रमांक 5, 6, 7, 8,9,10, 18,19, 23, 24, 28, 30,31, 32, 33, 34, 35, 36, 37,49, 60, 61, 62, 63, 64, 65 की अभी भी विक्रय प्रक्रिया नहीं हो पाई. ऐसे में व्यापारी मंडी परिसर से ही अपना व्यापार कर रहे हैं. यदि कुछ दिन और इन दुकानों को व्यापारियों को विक्रय नहीं किया जाता तो धीरे-धीरे यह जर्जर हालत में पहुंच जाएंगी.

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कब्जाधारी से अवैध वसूली..

फल-सब्जी मंडी के बड़े व्यापारी अपनी दुकानों से व्यापार करने की बजाय टीन शेड से पूरा व्यापार कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने एरिया में लोहे की जाली लगाकर बंद कर रखा है. इस तरीके से तीन टीनशेड में 48 स्थानों पर कब्जे किए गए हैं. इस संबंध में रामगढ़ के किसान रवि साहू और विकास शिवहरे से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया, जिन व्यापारियों के कब्जे हैं, उनसे मंडी समिति द्वारा अवैध तरीके से राशि की वसूली की जाती है. जिससे वह धड़ल्ले से अपना व्यापार टीन शेड से कर रहे हैं. साथ ही मंडी समिति द्वारा राशि वसूलने की वजह से वह कब्जे हटाने से पीछे हट रहे.

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बयान: अतिक्रमण को हटाया जाएगा

अखिल राठौर, (एसडीएम छतरपुर) ने इस मामले में कहा- मंडी परिषद में हुए अतिक्रमण को हटाया जाएगा. साथ ही छोटे व्यापारियों और किसानों को स्थान मिलेगा. वहीं, जिन व्यापारियों के नाम दुकानें आवंटित हैं, उन्हें दुकानों किया जाएगा.

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