'गांवों और कस्बों में बिताएं रात' - कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में सीएम यादव ने अधिकारियों को दिए निर्देश

भोपाल में आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम मोहन यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांवों और कस्बों में रात रुकें, जनता से संवाद करें और जनप्रतिनिधियों के सुझावों को गंभीरता से सुनें। उन्होंने कहा कि जनविश्वास ही हमारी पूंजी है। विकास, नवाचार और समावेशी शासन पर जोर देते हुए उन्होंने 3 महीने में समीक्षा तकलिफ दी और अस्पताल निरीक्षण, अवैध कॉलोनी नियंत्रण जैसे कार्यों पर ध्यान देने को कहा।

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भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और इसे बनाए रखना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. सीएम यादव ने अधिकारियों से कहा कि वे जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें, उनकी बात सुनें और जहां आवश्यक हो, सुझावों को अमल में लाएं.

इस कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी और 250 से अधिक आईएएस, आईपीएस व राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल हुए. यह मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल की पहली फिजिकल कॉन्फ्रेंस थी. सम्मेलन का उद्देश्य शासन को और अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और जनता के प्रति संवेदनशील बनाना था.

“रात में जनता के बीच रुकें अधिकारी”– सीएम

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधिकारी केवल दफ्तरों तक सीमित न रहें, बल्कि गांवों और कस्बों में रात रुककर जनता से सीधा संवाद करें. उन्होंने कहा कि अधिकारियों का जनता से व्यवहार नम्र होना चाहिए और हर शिकायत या समस्या का समाधान जनसुनवाई में ही सुनिश्चित किया जाए.

मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए. साथ ही सभी कलेक्टरों को अपने-अपने जिला अस्पतालों का निरीक्षण करने का आदेश भी दिया गया. उन्होंने कहा कि जहां अच्छा काम हुआ है, वहां के उदाहरणों से बाकी जिलों को सीखना चाहिए.

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नवाचार और विकास पर चर्चा

कॉन्फ्रेंस के दौरान कई जिलों के अधिकारियों ने अपने-अपने नवाचार (innovations) प्रस्तुत किए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयास प्रदेश में सुशासन की नींव को और मजबूत करते हैं. उन्होंने कुपोषण उन्मूलन, अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण, और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष दिशा-निर्देश दिए.

3 महीने का लक्ष्य तय

मुख्यमंत्री यादव ने अधिकारियों को बताया कि आगामी तीन महीनों में तय लक्ष्यों की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. साथ ही, उद्योग और कृषि क्षेत्रों में भी नई ऊर्जा से काम करने पर जोर दिया गया.

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जैविक खेती और भावांतर योजना पर फोकस

कॉन्फ्रेंस में जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि भावांतर योजना को जनता से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है और इसे और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य जारी रहेगा.

“समावेशी विकास हमारा लक्ष्य”

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शासन का हर निर्णय और हर नीति राज्य के समग्र और समावेशी विकास की दिशा में होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारना है ताकि हर नागरिक को उसका लाभ मिले.”

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