MP Budget Session: MP & MLA विकास निधी पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने सरकार पर जड़े ये गंभीर आरोप

MP Budget Session of Vidhan Sabha: मध्य प्रदेश में विधायक निधी की राशि का विधानसभा के आगामी बजट सत्र (MP Budget Session) में प्रावधान किया जाएगा. हालांकि, अब इस मामले में भी राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस (Congress) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों को राशि देने जा रही है, जबकि इस पर सभी विधायकों का अधिकार है.

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MP Budget Session Dates: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले सांसद और विधायकों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य करने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए दिए जाने वाले हैं, जिसको लेकर उनसे प्रस्ताव मांगे गए हैं. जहां सांसदों को 50 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. वहीं, विधायकों को 15-15 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. इस राशि का विधानसभा के आगामी बजट सत्र (MP Budget Session) में प्रावधान किया जाएगा. हालांकि अब इस मामले में भी राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस (Congress) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों को राशि देने जा रही है, जबकि इस पर सभी विधायकों का अधिकार है.

इस मामले को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि केवल भाजपा के विधायकों को 15-15 करोड़ और सांसदों को 50 -50 करोड़ रुपए विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार दे रही है. इसके आगे उन्होंने लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय क्या यह सही है? यह भेदभाव तो उचित नहीं है. ये प्रदेश के करदाताओं का पैसा है, ये भाजपा का नहीं है.

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कांग्रेस ने सीएम को दिलाई शपथ की याद

वहीं, दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने भी लिखा कि मुख्यमंत्री जी, आपने शपथ लेते हुए वादा किया था कि आप न तो किसी भय से, न ही किसी पक्षपात से प्रभावित होकर अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे. लेकिन आपकी मौजूदा कार्यनीति से पक्षपात साफ नज़र आ रहा है. आप पूरे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं , विधायक निधि न देना और 15 करोड़ सिर्फ भाजपा के विधायकों ही देना गलत है. सभी विधायक आपके लिए समान होने चाहिए. दरअसल, फरवरी में विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले वर्ष 2024-25 के  बजट के लेखानुदान में इसका प्रावधान किया जाएगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे सांसदों और विधायकों से मिले प्रस्तावों को आगामी वित्तीय वर्ष की कार्य योजना में प्राथमिकता के आधार पर सम्मिलित करें.

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लोकसभा चुनाव से पहले भूमिपूजन की लगी है होड़

 विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले ही ज्यादातर सांसद और विधायक अपनी विकास निधि का उपयोग कर चुके हैं. वहीं, चुनाव के दौरान प्रत्याशियों ने क्षेत्र की जनता से कई वादे किए थे. समस्या यह है कि अब विधायक निधि नए वित्तीय वर्ष में मिलेगी. मगर इससे पहले लोकसभा चुनाव होना है. यही वजह है कि सरकार ने सांसद और विधायकों से निर्वाचन क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्यों के लिए प्रस्ताव मांगे हैं, ताकि कम से कम लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के पहले भूमिपूजन कार्यक्रम तो हो ही जाएं. सीएम कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सांसदों और विधायकों से कामों के प्रस्ताव मांगे गए हैं. इनमें सड़क के अलावा, सामुदायिक भवन और पुल-पुलिया के प्रस्ताव प्राथमिकता से लिए जाएंगे.

भाजपा अध्यक्ष ने दिग्विजय के आरोपों का ऐसे दिया जवाब

वहीं, जब इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि रामलला विराजमान  हो रहे हैं. 500 बरसों के इंतज़ार और सैकड़ों लोगों के बलिदान के बाद. दुनिया के लोकप्रिय नेता पीएम मोदी की उपस्थिति में रामलला विराजमान होंगे. इससे बड़ा सौभाग्य का दिन क्या होगा कि नए भारत का निर्माण हो रहा है. नए निर्माण के समय भारत की बात करो. राम लला विराजमान हो रहे हैं. इसके लिए खुशी और उत्सव का माहौल है. कहां दिग्विजय सिंह, आज भी तुम्हें यह दिखाई देता है. कांग्रेस डूब गई, आप डूब गए. अरे आज अच्छा दिन है, मैं तो अपील करता हूं कि सभी लोगों को चाहिए कि जो दुनिया का इतिहास बन रहा है. उसमें सम्मिलित हो, इन बातों को अभी छोड़ें.

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