MP BJP New President: हेमंत खंडेलवाल भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बने. वो निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए. बुधवार, 2 जुलाई को चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी घोषणा की. इस मौके पर बीजेपी कार्यालय में जश्न का माहौल है. कार्यकार्ता ढोल-नगाड़े पर झूम रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ हेमंत खंडेलवाल ने ही नामांकन किया है. उनके अलावा किसी अन्य सदस्य ने दावेदारी पेश नहीं की है. ऐसे में हेमंत खंडेलवाल निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने गए.
हेमंत खंडेलवाल बोले- 'पद नहीं दायित्व है...मैं आम कार्यकर्ता हूं'
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद हेमंत खंडेलवाल ने कहा, 'मुझे जो पद सौंपा है वह पद नहीं दायित्व है. भारतीय जनता पार्टी के संगठन को कुशाभाऊ ठाकरे ने आदर्श रूप देने का काम किया. बीजेपी की बुलंदी को बरकरार रखना है और आगे भी बढ़ाना है. मैं आम कार्यकर्ता हूं...हम सबको मिलकर नया इतिहास गढ़ना है.
हेमन्त खण्डेलवाल ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि जैसा चुनाव बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष का कराया. वैसा चुनाव कांग्रेस पार्षद चयन का भी करके दिखा दे.
मध्य प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष
आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें में दिग्गज नेता शामिल होंगे. यह बैठक सुबह 10.30 बजे हुआ, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष का औपचारिक ऐलान किया गया. बता दें कि 1 जुलाई को हेमंत खंडेलवाल ने नामांकन दाखिल किया था. सिंगल नॉमिनेशन होने के चलते मंगलवार को ही खंडेलवाल को नए अध्यक्ष बने.
हेमंत खंडेलवाल होंगे एमपी बीजेपी के अध्यक्ष
इस बैठक में सीएम मोहन मोहन यादव, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ वीरेंद्र कुमार खटीक सहित तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहें. चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, संगठन चुनाव की पर्यवेक्षक और प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक शेजवलकर हेमंत खंडेलवाल के निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की. हेमंत खंडेलवाल बैतूल से विधायक हैं.
कौन हैं हेमंत खंडेलवाल?
हेमंत खंडेलवाल का जन्म 3 सितंबर, 1964 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ. उन्होंने राजनीतिक का ककहरा अपने पिता और दिग्गज बीजेपी नेता विजय कुमार खंडेलवाल से सीखा है. बीकॉम एलएलबी की पढ़ाई करने के बाद हेमन्त खंडेलवाल अपने पिता विजय कुमार खंडेलवाल के साथ सक्रिय हो गए थे. बता दें कि विजय कुमार खंडेलवाल 1996 से 2004 तक लगातार चार बार बैतूल सांसद रहे. 2007 में विजय कुमार खंडेलवाल के निधन के बाद हुए लोकसभा उपचुनाव में पहली बार हेमन्त खंडेलवाल ने चुनाव लड़ा और कांग्रेस के सुखदेव पांसे को हराकर सीधे सांसद बनकर राजनीति में एंट्री ली.
यहां जानें कैसा रहा हेमंत खंडेलवाल का राजनीति सफर
2008 में हुए परिसीमन में बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हो गई, जिसके बाद पार्टी ने हेमन्त खंडेलवाल की योग्यता देखते हुए उन्हें 2010 में बैतूल बीजेपी का जिला अध्यक्ष बनाया. 2013 से बीजेपी संगठन को मजबूत करते हुए हेमन्त खंडेलवाल ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज करते हुए विधानसभा पहुंचे.
तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार में उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारियां मिली, जिन्हें उन्होंने बखूबी अंजाम दिया. हेमन्त खंडेलवाल भाजपा की कुधाभाऊ ठाकरे भवन निर्माण समिति के प्रमुख भी रहे और उनके निर्देशन में पूरे प्रदेश के कई जिलों में भाजपा के भव्य भवन बनकर तैयार हुए, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में हेमन्त खंडेलवाल को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन उन्होंने पार्टी और संगठन के साथ कदमताल जारी रखा.
2023 के विधानसभा चुनाव में दमदार कमबैक करते हुए हेमन्त खंडेलवाल ने कांग्रेस के निलय डागा को बड़े अंतर से मात दी और दूसरी बार विधानसभा पहुंचे. हेमन्त खंडेलवाल कई अहम मौकों पर सत्ता और संगठन के बीच समन्वय बनाने के लिए जाने जाते हैं. देश के कई राज्यों में हुए चुनावों में उन्हें जो जिम्मेदारियां दी गईं, जिसे वो बखूबी निभाया और भोपाल से दिल्ली तक अपनी छाप छोड़ी.
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