MP Elections: पार्टियों को देना होगा क्रिमिनल कैंडिडेट चुनने का जवाब, EC ने तैयार किया चुनाव का ब्लूप्रिंट

बीएसपी, बीजेपी, सीपीआईएम, आईएनसी के प्रतिनिधि से भी चुनाव आयोग ने मुलाकात की. राजनीतिक दलों ने आयोग से मांग करते हुए कहा कि एक ही परिवार के लोगों का मतदान केंद्र एक हो.

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चुनाव आयोग ने साझा कीं आगामी चुनाव की तैयारियां

भोपाल : लगातार तीन दिनों के मंथन के बाद बुधवार को चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी की जानकारी साझा की. चुनाव आयोग पिछले तीन दिनों से लगातार पुलिस अधिकारियों से लेकर ब्यूरोक्रेट्स के साथ मंथन कर रहा है. सबसे खास बात यह है कि इस बार के विधानसभा चुनावों में सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों को घर से वोटिंग की सुविधा मिलेगी. नामांकन के 5 दिन में अगर फॉर्म 12D भरेंगे तो घर से वोटिंग की सुविधा मिलेगी. इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी ताकि निष्पक्षता बनी रहे. यही सुविधा दिव्यांगों को भी देने का फैसला किया गया है. इस सुविधा के लिए सक्षम ऐप पर बुकिंग करनी होगी.

वोटिंग प्रक्रिया के लिए इस बार महिलाओं की सहभागिता बढ़ाई गई है. हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ पर महिलाएं ही रहेंगी. यहां सुरक्षाकर्मी भी महिला ही रहेंगी. साथ ही ऐसे 5920 पोलिंग स्टेशनों को चिन्हित किया गया है जहां महिलाओं का वोटिंग परसेंटेज कम है, जिन पर अभियान चलाकर बढ़ाया जा रहा है.

प्रदेश में 9.91 लाख सेहरिया भरिया बैगा आदिवासी पॉपुलेशन है जिसमे करीब 6 लाख वोटर रहेंगे. 5000 बूथों को महिलाएं मैनेज करेंगी और 15000 आदर्श मतदान केंद्र रहेंगे. 35 हजार बूथों पर वेबक्वेस्ट किया जाएगा और उनसे निगरानी होगी. सारे पोलिंग बूथ 2 किमी के अंदर-अंदर बनेंगे जिससे कि लोग आसानी से वोट देने के लिए पहुंच सकें.

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निष्पक्ष चुनाव के लिए कड़े इंतजाम
233 पुलिस चेक पोस्ट रहेंगे जो फ्री बीस, दारू कैश की तस्करी पर खास नजर रखेंगे. इसको लेकर पुलिस अधिकारियों को खास तौर पर निर्देश दिए गए हैं. बॉर्डर पर चेक पोस्ट बनाए जाएंगे, साथ ही गोडाउन पर नजर रहेगी. बैंक का कैश परिवहन शाम 5 बजे के बाद नहीं होगा. इसके साथ ही जिलों में सोशल मीडिया सेल बनाये जाएंगे. चुनाव आयोग के CVIGIL नाम के मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी शिकायत कर सकता है. इसके लिए मोबाइल से फोटो या टेक्स्ट मैसेज करना होगा, जिसकी लोकेशन कंट्रोल रूम से देखी जा सकेगी. लोकेशन के आधार पर आसपास मौजूद टीम 15 मिनट में पहुंच जाएगी. प्रलोभन देने लेने की सूचना हो, शराब के लिए पैसे बांटने समेत अन्य शिकायतें इस ऐप के माध्यम से की जा सकती हैं. शिकायतकर्ता का नाम भी गोपनीय रखा जाएगा.

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देना पड़ेगा क्रिमिनल कैंडिडेट चुनने का जवाब
इसके साथ ही इस बार खास आपराधिक छवि के उम्मीदवार को नामांकन फॉर्म में सारी जानकारी देनी है. कैंडिडेट की पूरी जानकारी आयोग की वेबसाइट पर रहेगी.

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ऐसे उम्मीदवार को तीन बार इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन देना पड़ेगा. राजनीतिक दलों को भी यह प्रकाशित करना पड़ेगा कि उन्होंने क्रिमिनल कैंडिडेट क्यों चुना. उन्हें बताना पड़ेगा कि उन्हें दूसरा उम्मीदवार क्यों नहीं मिला.

इसके साथ ही संवेदनशील बूथों को भी चिन्हित किया जाएगा और ऐसे बूथों को लेकर कई जानकारियां भी चुनाव आयोग के सामने रखी गई हैं.

बीएसपी, बीजेपी, सीपीआईएम, आईएनसी के प्रतिनिधि से भी चुनाव आयोग ने मुलाकात की. राजनीतिक दलों ने आयोग से मांग करते हुए कहा कि एक ही परिवार के लोगों का मतदान केंद्र एक हो. पूरे चुनाव के दौरान धन बल और बाहूबल के वितरण रोके जाएं, साथ ही ईवीएम की खास सुरक्षा हो. भोपाल की भी दो विधानसभा क्षेत्रों में मिलिट्री फोर्स की व्यवस्था कराने की मांग आई है.