Mining Conclave: नेता प्रतिपक्ष ने माइनिंग कॉन्क्लेव को लेकर उठाए सवाल; सिंघार ने BJP सरकार पर किए ऐसे वार

Mining Conclave Katni: उमंग सिंघार ने कहा कि "माइनिंग से जुड़े कई ऐसे मुद्दे हैं जिनके बारे में सरकार चुप है. आदिवासी क्षेत्रों में पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं से इजाजत लेना चाहिए, पर सरकार नहीं ले रही. आदिवासियों के घर बिना मुआवजे के उजाड़े जा रहे हैं, पर सरकार इस मुद्दे पर भी चुप्पी साधे है."

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Mining Conclave: नेता प्रतिपक्ष ने माइनिंग कॉन्क्लेव पर उठाए सवाल; उमंग सिंघार ने किए ऐसे वार

MP Mining Conclave: मध्य प्रदेश के कटनी में 'मध्यप्रदेश माइनिंग कॉनक्लेव 2.0' का आयोजन किया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि कॉनक्लेव का मुख्य फोकस क्षेत्र कोयला एवं ऊर्जा, ऊर्जा एवं हाइड्रोकार्बन, प्रौद्योगिकीय प्रगति, महत्वपूर्ण खनिज (क्रिटिकल मिनरल्स) और चूना पत्थर एवं सीमेंट होंगे. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव समिट में शामिल होने वाले विषय-विशेषज्ञों और निवेशकों के साथ वन-टू-वन चर्चा भी करेंगे. कॉन्क्लेव में लगभग 2 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं, जिनमें देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक और उद्योगपति शामिल हैं. वहीं इस कार्यक्रम को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सवाल उठाए हैं.

माइनिंग कॉन्क्लेव या भाजपा का खनिज उत्सव : उमंग सिंघार

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि "भाजपा सरकार आज कटनी में माइनिंग कॉन्क्लेव कर रही है. लेकिन, यह स्पष्ट नहीं कि ये कॉन्क्लेव किसके लिए हो रहा है. स्थानीय बेरोजगारों को काम देने के लिए, MP के उद्योपतियों के लिए या विदेशी कंपनियों को लीज देने के लिए? सरकार इस मुद्दे पर अभी चुप है, पर उसे जवाब देना चाहिए. बेहतर हो कि सरकार को पहले यहां के डेढ़ हजार माइनिंग कारोबारियों के बारे में विचार करे. उसके बाद बाहर की कंपनियों को लीज देने पर विचार किया जाए. क्योंकि, ये स्थानीय कारोबारियों का हक भी है."

उमंग ने आगे कहा कि "माइनिंग से जुड़े कई ऐसे मुद्दे हैं जिनके बारे में सरकार चुप है. आदिवासी क्षेत्रों में पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं से इजाजत लेना चाहिए, पर सरकार नहीं ले रही. आदिवासियों के घर बिना मुआवजे के उजाड़े जा रहे हैं, पर सरकार इस मुद्दे पर भी चुप्पी साधे है."

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि "रेत माफिया पूरे प्रदेश में सक्रिय है. CAG की 2023 की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि सरकार की 90% रॉयल्टी की चोरी हो रही. सरकार इस पर अंकुश क्यों नहीं लगा रही. क्या अवैध कमाई के लिए रॉयल्टी चोरी कराई जा रही है. एक रॉयल्टी की चिट्ठी पर 10 ट्रक निकाले जाना गलत है. SIYA के तहत 450 डीम्ड परमिशन दी गई. यह पर्यावरण के साथ खुला मजाक है. बिना बैठक के कंपनियों को परमिशन दी गई. एक-एक कंपनी से 3 से 4 करोड़ की वसूली की गई. ये पर्यावरण के खास मजाक नहीं तो क्या है."

आदिवासियों का विस्थापन

उमंग ने कहा कि जंगलों की कटाई पर भी MP सरकार का कोई कंट्रोल नहीं. 15 साल में 40 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जंगल कटा गया. यह भी खनन के लिए हुआ. इससे आदिवासी भी विस्थापित हुए. सिंगरौली के मोरवा में 50 हजार से ज्यादा परिवार उजड़ने वाले हैं. इसकी जिम्मेदार MP सरकार है जो प्रदेश में अवैध खनन के माफिया को बढ़ा रही है. मैं यहां DMA यानी डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड की भी बात करना चाहूंगा, जिसमें 10 साल में ₹13 हजार करोड़ फंड आया, पर खनन से जो लोग प्रभावित हुए, इस फंड से उनका विकास क्यों नहीं हुआ! ये पैसा उस क्षेत्र में खर्च भी नहीं हुआ, जहां के लोग इससे प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में जहां भी खदानें हैं, वहां के लोग विस्थापन से सबसे ज्यादा पर प्रभावित हो रहे हैं. उनके घर टूट रहे हैं, उन्हें मौलिक सुविधाएं नहीं मिल रही. ये मोहन यादव की निर्ममता नहीं तो क्या है. आज कटनी में हो रहा ये माइनिंग कॉन्क्लेव नहीं बल्कि भाजपा का खनिज उत्सव है. मेरा कहना है कि क्या सरकार मेरे उठाए इन बिंदुओं पर विचार करेगी. जनभावनाओं का ध्यान रखेगी, मैं ये सरकार से पूछना चाहता हूं."

Advertisement

यह भी पढ़ें : CIBIL Score: जांच के घेरे में सिबिल, क्रेडिट स्कोर चेक करने के बाद आ रहे Spam Calls; यूजर्स ने की शिकायत

यह भी पढ़ें : Indore Murder Case: इंदौर में बिजनेसमैन का मर्डर; पूर्व पार्टनर ने उतारा मौत के घाट, जानिए क्या है मामला

Advertisement

यह भी पढ़ें : Chhatarpur में झोलाछाप डॉक्टर ने ली मरीज की जान; मेडिकल स्टोर और क्लीनिक सील, परिजनों ने लगाए ये आरोप

यह भी पढ़ें : Maihar News: रेप का प्रयास; विरोध करने पर पति-पत्नी और बुजुर्ग महिला को मारी कुल्हाड़ी, जानिए पूरा मामला

Advertisement