MBBS in Hindi Medium: मध्य प्रदेश में एमबीबीएस का हिंदी मॉडल; जानिए पास या फेल?

MP MBBS Hindi Medium: कुलसचिव मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर ने बताया कि मातृ-भाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों को संस्थागत स्तर पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर उनके लिए विशेष समस्या निवारण कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी. इन छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है.

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MP MBBS Hindi Medium: हिंदी में एमबीबीएस

MBBS Course in Hindi: वर्ष 2022 में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकों का विमोचन किया गया था और शैक्षणिक सत्र 2023-24 से विद्यार्थियों के लिए पुस्तके उपलब्ध करायी गई. यह नवाचार अभी अपने प्रारंभिक चरण में है, केवल प्रथम वर्ष की परीक्षाएं आयोजित की गई हैं. इस बारे में कुलसचिव मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार प्रयासरत है कि भाषा ज्ञान के मार्ग में बाधक नहीं बने. हिंदी भाषा में एमबीबीएस की शिक्षण व्यवस्था इसी सोच का सफल क्रियान्वयन है. भाषा को अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास का माध्यम बनाकर विद्यार्थियों को को सशक्त करना सरकार का लक्ष्य है. मध्यप्रदेश सरकार की मातृ-भाषा हिंदी में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प अब नीतिगत निर्णयों और कार्यान्वयन की ठोस रूपरेखा के साथ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मातृ-भाषा हिंदी को सशक्त बनाने के लिए सतत नवाचार किए जा रहे हैं.

15 से 20 प्रतिशत छात्रों ने हिंदी का किया उपयोग

विश्वविद्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, लगभग 15 से 20 प्रतिशत छात्रों ने मौखिक एवं लिखित परीक्षाओं में हिंदी भाषा का उपयोग किया है. यह प्रथम बैच वर्ष 2027-28 में स्नातक होगा. विश्वविद्यालय द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि आगामी सत्रों से प्रश्नपत्र दोनों भाषाओं हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिससे छात्र अपनी सुविधा के अनुसार उत्तर दे सकें.

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चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा संकाय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों को मातृ-भाषा में अध्ययन को प्रोत्साहित करने के निर्देश जारी किए गए हैं. कक्षा और प्रायोगिक शिक्षण में मातृ-भाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा न हो साथ ही परीक्षकों का चयन करते समय यह सुनिश्चित करने के निर्देश हैं कि वे मातृ-भाषा को समझते हों और उसी में छात्रों से संवाद कर सकें.

कुलसचिव मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर ने बताया कि मातृ-भाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों को संस्थागत स्तर पर प्रोत्साहन दिया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर उनके लिए विशेष समस्या निवारण कक्षाएं भी आयोजित की जाएंगी. इन छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है.

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“मातृ-भाषा रत्न” और हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन पर भी पुरस्कार

मातृ-भाषा में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन स्वरूप परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है. ऐसे विद्यार्थी जो अपनी कक्षा, प्रोफेशनल वर्ष अथवा समस्त पाठ्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा नकद पुरस्कार और विशेष उपाधियों से सम्मानित किया जाएगा. सम्पूर्ण पाठ्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को “मातृ-भाषा रत्न” के रूप में दो लाख रुपये की राशि दी जाएगी. द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को “मातृ-भाषा विभूषण” के रूप में एक लाख पचास हजार रुपये, तृतीय स्थान पर आने वाले को “मातृ-भाषा भूषण” के रूप में एक लाख रुपये और चतुर्थ स्थान वाले को “मातृ-भाषा श्री” के रूप में पचास हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. प्रत्येक प्रोफेशनल परीक्षा में उत्कृष्टता के लिए भी पुरस्कार निर्धारित किए गए हैं, जिसमें प्रथम स्थान के लिए एक लाख, द्वितीय के लिए 75 हजार, तृतीय के लिए 50 हजार और चतुर्थ स्थान के लिए 25 हजार रुपये की राशि दी जाएगी.

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