Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के रीवा के सिविल लाइन थाना अंतर्गत 6 माह बच्चे के अपहरण मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पूरी वारदात में कुल 12 आरोपी शामिल थे. जहां रीवा से चोरी किया गया 6 माह का बच्चा मुंबई के कल्याण में एक संतान विहीन शिक्षक को 29 लाख रुपए में बेचा गया था. सभी आरोपी बच्चे को बेचकर मिले पैसे में हिस्सेदार थे. पुलिस ने पूरे मामले में 11 आरोपियों को मुंबई, जबलपुर और मऊगंज समेत 3 जगहों से गिरफ्तार किया है. जबकि आरोपी अतुल जयसवाल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
क्या था पूरा मामला
रीवा में 6 और 7 मई की दरमियानी रात 3 बजे कॉलेज चौराहे से बदमाशों ने मच्छरदानी के भीतर सो रहे मासूम बच्चे का अपहरण कर लिया था. सूचना पर 7 मई को थाना सिविल लाइन में 363,370,34 के तहत मामला दर्ज किया गया था. घटना की सूचना मिलते ही जिले भर में नाकेबंदी की गई. बच्चे और आरोपियों की तलाश के लिए तत्काल 3 टीमें गठित की गईं. इस दौरान पुलिस ने जब कॉलेज चौराहे पर लगे हुए CCTV फुटेज चेक किए तो दो आरोपी बाइक से बच्चे को लेकर भागते हुए दिखाई दिए. बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपियों की पहचान पुलिस ने मो. सलीम और अतुल जायसवाल निवासी मऊगंज के रूप में की. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सलीम को 8 मई की रात मऊगंज के सूनसान जगह से घेराबंदी कर पकड़ा. सलीम ने ही पुलिस की पूछताछ में पूरी घटना का खुलासा किया.
पति-पत्नी ने बनाई बच्चे के किडनैपिंग की योजना
जांच में पाया गया कि आरोपी नितिन सोनी अपनी पत्नी स्वाती के साथ मउगंज आया था. जिसने अपने साथी मो. हारून, मो. सलीम, मुस्कान रावत, देवेश जयसवाल और गुड्डू गुप्ता के साथ मिलकर किडनैपिंग की योजना बनाई. प्लानिंग के तहत वे 6 माह के बच्चे को किडनैप कर महाराष्ट्र के मुंबई शहर ले गए. जहां नितिन और स्वाती ने बच्चे को अमोल मधुकर, अरवी उर्फ सेजल और प्रदीप कोलम्बे को 8 लाख रूपए में बेच दिया. उसी बच्चे को अमोल मधुकर और सेजल ने श्रीकृष्ण संतराम पाटिल को 29 लाख रूपए में बेच दिया. अमोल मुंबई के एक जाने-माने अस्पताल में अटेंडेंर का काम करता है
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ऑटो चालक ने खोला राज
रीवा पुलिस को बच्चे का पता लगाने में महाराष्ट्र पुलिस का बेहतर सहयोग मिला. बच्चे को खोजने के लिए महाराष्ट्र पुलिस के खडकपाड़ा थाने के प्रभारी अनिल गायकवाड़ के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों की दो टीमें बनाई गई। सबसे पहले पुलिस ने नितिन सोनी और उसकी पत्नी स्वाती सोनी को गिरफ्तार किया. तो उन्होंने पुलिस को बताया कि वे ऑटो रिक्शा से बच्चे को अमोल मधुकर और सेजल को देने गए थे. जिसके बाद रिक्शा चालक प्रदीप को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई. ऑटो चालक आरोपियों को पहले से व्यक्तिगत रूप से जानता था. इसलिए उसने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दे दी. धीरे-धीरे कड़ी जुड़ती गई और पुलिस मासूम बच्चे तक पहुंच गई.
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53 साल की उम्र में शिक्षक को नहीं थी संतान
बच्चे को खरीदने वाले पाटिल ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि 53 साल की उम्र में उसकी कोई संतान नहीं है. सालों से कई वैद्य, हकीम और डॉक्टरों के चक्कर लगाने और इलाज में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कोई उम्मीद नहीं है. इसलिए शिष्य अमोल मधुकर से संपर्क किया. अमोल मधुकर ने यह बात अपनी पत्नी अर्बी उर्फ सेजल को बताई. दोनों ने बच्चा देने के लिए मुझसे 29 लाख में सौदा तय किया. जिसके बाद पति-पत्नी ने शहर में ही रहने वाले उनके परिचित नितिन, स्वाती और प्रदीप से बच्चे की पेशकश की.
अपहरण की पहली कोशिश हुई थी नाकाम
IG महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि आरोपियों ने एक बार पहले भी बच्चे के अपहरण का प्रयास किया था. जिसमें वे विफल रहे. आरोपियों को रीवा लाया गया है। जिनसे अब उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में पूछताछ की जा रही है. संभावना है कि उनके द्वारा इस तरह की और भी घटनाएं की गई होंगी. इसलिए पुलिस कड़ाई से पूछताछ करेगी। रीवा और मऊगंज इलाके में जितने भी बच्चे गायब हुए हैं। उनका भी पता लगाया जा रहा है। आई जी ने टीम को अपनी तरफ से 30 हजार का इनाम भी दिया है ।
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