Mauganj Big scam: मऊगंज में को-ऑपरेटिव बैंक में बड़ा घोटाला, सैकड़ों किसानों की जमा पूंजी डूबी

Mauganj Cooperative Bank Scam: किसानों ने जब सहकारी संस्था से अपनी पूंजी वापस लेने की कोशिश की, तो उन्हें सिर्फ बंद कार्यालय और ताले लटके हुए मिले. वहीं शिकायत के बावजूद प्रशासन सिर्फ आश्वासन ही देता रहा है और कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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Mauganj Co-Operative Bank Scam: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के हनुमना तहसील के हरदी पंचायत सहित अन्य सहकारी संस्था में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. इस घोटाले में हजारों किसानों की जमा पूंजी डूब चुकी है और वो सालों से अपनी ही गाढ़ी कमाई पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से जो धनराशि सहकारी संस्था में जमा की थी, उसे संस्था ने अन्य कार्यों में खर्च कर दिया, जिससे अब किसानों को उनके पैसे वापस नहीं मिल रहे हैं.

किसानों की बदहाली: बीमारी, बेरोजगारी और अधूरी शादियां 

इस घोटाले का असर किसानों के जीवन पर गहरा पड़ा है. कई किसान गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, लेकिन इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. कुछ किसान अपनी बेटियों की शादी के लिए जमा राशि निकालने के इंतजार में बैठे हैं, जबकि कई युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. इस संकट से किसानों में गहरी हताशा देखी जा रही है.

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बैंक में लगे ताले

किसानों ने जब सहकारी संस्था से अपनी पूंजी वापस लेने की कोशिश की, तो उन्हें सिर्फ बंद कार्यालय और ताले लटके हुए मिले. शिकायतों के बावजूद, जिला प्रशासन सिर्फ आश्वासन ही देता रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. यहां तक कि जब इस मामले को संभाग स्तर और जनप्रतिनिधियों तक भी ले जाया गया, तब भी समस्या जस की तस बनी रही.

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कहां गई किसानों की मेहनत की कमाई? 

किसानों का आरोप है कि उनकी जमा पूंजी को वेयरहाउस के निर्माण में लगा दिया गया, लेकिन पूरी राशि खर्च नहीं कर पाने के कारण बैंक पर कर्ज बढ़ता गया और ब्याज चुकाने के लिए किसानों की ही जमा राशि का उपयोग किया जाने लगा, जिससे लगभग ढाई से तीन करोड़ रुपये डूब गए. हालांकि प्रशासन ने जब इस मामले की बारीकी से जांच कराई तो पता चला कि बैंक के अधिकारियों और सेवा सहकारी संस्था के प्रबंधकों द्वारा षड्यंत्र रचकर वृहद स्तर पर गबन किया गया है.

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जांच में यह भी सामने आया कि किसानों की जमा राशि का उपयोग भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों ने उक्त राशि का उपयोग शराब ठेके प्राप्त करने, खदानें प्राप्त करने सहित वहां क्रय करने में गबन की राशि उपयोग की गई है.

विधायक का धरना, फिर भी नहीं मिला न्याय 

मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल ने किसानों के साथ मिलकर रीवा जिला सहकारी बैंक के एमडी ऑफिस में रातभर धरना भी दिया, लेकिन इसके बावजूद अब तक किसानों को उनकी राशि वापस नहीं मिल पाई है. किसानों का धैर्य जवाब देने लगा है, और वो अब सरकार और प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग कर रहे हैं.

दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

किसानों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो किसान बड़े आंदोलन की राह पर जा सकते हैं. प्रशासन की निष्क्रियता और किसानों की बढ़ती परेशानियों ने यह मामला और गंभीर बना दिया है. अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है, या फिर किसानों को अपनी मेहनत की कमाई के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा.

कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई के दिए आदेश

वर्षों से किसानों की पीड़ा को एनडीटीवी ने भी उठाया, जिसका अब असर देखने को मिला है. दरअसल, नए कलेक्टर संजय जैन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं और आश्वासन दिया है कि जल्द ही वरिष्ठ कार्यालय से फंड की व्यवस्था करके किसानों की जमापूंजी राशि वापस कराई जाएगी.

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