Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मऊगंज में बीजेपी नेता के साथ बदसलूकी करना थाना प्रभारी को बहुत भारी पड़ गया. इस मामले में एसपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें हटाकर लाइन अटैच कर दिया है. हालांकि इस कार्रवाई से अधिवक्ता संघ संतुष्ट नहीं है. टीआई को सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं.
ये है मामला
मऊगंज थाना प्रभारी राजेश पटेल द्वारा कथित तौर पर एक दिन पूर्व फर्जी अपराध दर्ज करने का मामला सामने आया था. जिसमें कहा गया था कि कूटरचित तरीके से थाना प्रभारी राजेश पटेल ने दरबार ढाबा संचालक दिल्लू पयासी को झूठे लूट के केस में फंसाया था. इस मामले की सच्चाई जानने के लिए जब मऊगंज भाजपा जिला उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विपिन मिश्रा पहुंचे, तो थाना प्रभारी राजेश पटेल ने विपिन मिश्रा की कॉलर को पकड़कर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें धक्का देकर थाने से बाहर कर दिया गया था.
जांच में दोषी पाए गए थाना प्रभारी
मऊगंज थाने में हुए हंगामा के बाद मौके पर पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर भी पहुंची और पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए. जांच रिपोर्ट में थाना प्रभारी राजेश पटेल को दोषी पाया गया, इसके बाद मऊगंज एसपी रसना ठाकुर ने थाना प्रभारी राजेश पटेल को लाइन अ कर दिया है. मऊगंज एसपी ने कहा कि जांच के दौरान थाना प्रभारी के द्वारा अधिवक्ता के साथ बुरा बर्ताव करना पाया गया जिसके कारण उन्हें लाइन हाजिर किया गया है.
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संतुष्ट नहीं है अधिवक्ता संघ
अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हरिहर शुक्ला सहित तमाम अधिवक्ता मऊगंज एसपी कार्यालय पहुंचे, मीडिया से बातचीत करते हुए अधिवक्ता अनिल तिवारी ने कहा है कि लाइन अटैच कोई सजा नहीं है. हम चाहते हैं कि थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को जांच करके थाना प्रभारी पर निलंबन की कार्रवाई की जाए और दोषी पाए जाने पर उनके ऊपर आपराधिक मामला भी दर्ज हो. एसपी रसना ठाकुर को 3 दिन का समय दिया है कि थाना के भीतर लगे सीसीटीवी फुटेज को निकाल कर उसकी अच्छे से जांच की जाए और थाना प्रभारी पर कार्रवाई हो.
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