Manasa Election Results 2023: मनासा (मध्य प्रदेश) विधानसभा क्षेत्र को जानें

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मनासा विधानसभा क्षेत्र में कुल मिलाकर 181032 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी अनिरुद्ध (माधव) मारू को 87004 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार उमराव सिंह शिवलाल को 61050 वोट हासिल हो सके थे, और वह 25954 वोटों से हार गए थे.

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मध्य प्रदेश में एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और मतगणना, यानी चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) राज्य में मालवा क्षेत्र के नीमच जिले में मनासा विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 181032 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी अनिरुद्ध (माधव) मारू को 87004 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार उमराव सिंह शिवलाल को 61050 वोट हासिल हो सके थे, और वह 25954 वोटों से हार गए थे.

इसी तरह वर्ष 2013 में मनासा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चावला को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 55852 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार विजेंद्र सिंह को 41824 वोट मिल सके थे, और वह 14028 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.

इससे पहले, मनासा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विजेंद्र सिंह मालाहेड़ा (विज्जू बन्ना) ने कुल 38632 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और बीजेएसएच उम्मीदवार अनिरुद्ध रामेश्वर (माधव मारू) दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 33197 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 5435 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.

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गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 109 सीटें आई थीं. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली. लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए. इससे BJP के पास बहुमत हो गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि इसके बाद राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए और BJP 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची. फिलहाल शिवराज सिंह 18 साल की अपनी सरकार की एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अगला कार्यकाल हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं, और BJP ने अपने सारे दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर पर सवार होकर सत्ता पाने का सपना संजोए हुए है. पार्टी को लगता है कि उसके लिए इस बार संभावनाएं पहले से अच्छी हैं. अब कामयाबी किसे मिलती है, यह तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे.

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